हरिद्वार : उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल ने हरिद्वार सतत कुंड महिला महाविद्यालय के वार्षिक उत्सव के अवसर पर कहा कि जब देश अंग्रेजों के अधीन था तब यह महाविद्यालय ओरिएण्टल स्कूल फॉर एजुकेटिंग गर्ल्स नाम से स्थापित हुआ था। उस दौर में जब भारतीय परिवारों के बालकों को भी शिक्षा अप्राप्त थी, तब बालिकाओं को शिक्षा प्रदान करने हेतु इस विद्यालय की स्थापना अपने आप में एक महत्वपूर्ण कदम था।
अग्रवाल ने मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग करते हुए अग्रवाल ने कहां कि छात्राओं को संस्कारयुक्त शिक्षा प्रदान करने एवं अध्ययनरत छात्रों के श्रेष्ठ चरित्र निर्माण हेतु इस महाविद्यालय का विशेष योगदान रहा है और विविध विषयों का पठन-पाठन वर्ष 1965 से निरंतर हो रहा है। अपने संबोधन में विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि वार्षिक उत्सव किसी भी शैक्षिक संस्थान के लिए महत्वपूर्ण होता है। उस विद्यालय की वर्ष भर की विभिन्न गतिविधियों से शिक्षार्थी एवं अभिभावक अवगत होते हैं।
हम सभी जानते हैं कि शिक्षा मनुष्य के जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है जिस के अभाव में मनुष्य का जीवन अन्धकारमय है। इस लिए शिक्षण संस्थाओं और अभिभावकों को छात्र-छात्राओं शिक्षा के प्रति सजग रहने की आवश्यकता है। अग्रवाल ने कहा कि प्रतिस्पर्धा के इस युग में आधुनिक शिक्षा मनुष्य की मूलभूत आवश्यकता हो गई है। सूचना तकनीकी का उपयोग कर, अनेक विषयों की विस्तृत जानकारी को आसानी से संकलित किया जा सकता है।
शिक्षा प्राप्त करने के साथ-साथ खेलकूद, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, सामाजिक कार्यों में भी विद्यार्थियों को प्रतिभाग करना चाहिए। जिस से उज्जवल भविष्य की दिशा तय हो सकती है। उन्होंने कहा कि गुरु को ईश्वर से भी बढ़ कर माना गया है तो गुरु का भी कर्तव्य बनता है कि जिस प्रकार ईश्वर अपने शिष्यों की चिंता करता है, उसी प्रकार गुरु भी अपने शिष्यों के अध्ययन के लिए पूर्ण समर्पण भाव से कार्य करना चाहिए।
इस अवसर पर प्रबंधन समिति के सचिव डॉ अशोक शास्त्री, डॉ. विना शास्त्री, विद्यालय की प्रधानाचार्य डॉ. शशि प्रभा, महाविद्यालय के निदेशक डॉक्टर अल्पना शर्मा, डॉ. गीता जोशी, डॉक्टर तेजवीर सिंह तोमर, सुभाष घई, डॉक्टर वैशाली अग्रवाल, कुमारी विधि छात्र संघ अध्यक्ष, डॉ. मीनाक्षी गुप्ता, डॉक्टर सैलजा देशवाल , डॉ. प्रवीण शर्मा, मनीष भारद्वाज आदि लोग उपस्थित थे ।