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वनाग्नि पर प्रभावी नियंत्रण के प्रयास शुरु

नैनीताल : मण्डलीय समीक्षा के दौरान आयुक्त कुमाऊं मण्डल एवं सचिव मुख्यमंत्री राजीव रौतेला ने गुरूवार को एलडीए सभागार में वन, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं शिक्षा महकमें की समीक्षा की।

नैनीताल : मण्डलीय समीक्षा के दौरान आयुक्त कुमाऊं मण्डल एवं सचिव मुख्यमंत्री राजीव रौतेला ने गुरूवार को एलडीए सभागार में वन, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं शिक्षा महकमें की समीक्षा की। बैठक में मण्डलभर के जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी भी मौजूद थे। आयुक्त ने कहा कि वर्तमान गर्मी के सीजन मौसम में बहुतायत में लगी है, जोकि चिन्ता का विषय है।
वनाग्नि पर प्रभावी नियंत्रण के लिए वन महकमे के अलावा राजस्व, महकमें के अलावा वन पंचायतों, ग्राम सभाओं एवं विकास महकमें को भी संयुक्तरूप से कार्य करना होगा। वन हमारी धरोहर एवं सम्पदा है तथा वन्य जीव जन्तुओं का आश्रय है, वनाग्नि से जहां हमारी वन सम्पदा क्षतिग्रस्त होती हैं वहीं वन्य जीवों का जीवन भी प्रभावित होता है। उन्होंने जिलाधिकारियों से कहा कि वह वनाग्नि के नियंत्रण में वन विभाग का पूरा सहयोग करें। उन्होंने प्रभावशाली सूचना तंत्र विकसित करने पर भी जोर दिया। 
उन्होंने कहा कि वनाग्नि को रोकने के लिए जन जागरूकता के साथ ही क्षेत्र वासियों एवं सामाजिक संस्थाओं का भी सहयोग लिया जाए।  मुख्य वन संरक्षक कुमाऊॅ विवेक पाण्डेय ने बताया कि 15 फरवरी से 15 जून का समय वनाग्नि का है। उन्होंने बताया कि विगत वर्ष वनाग्नि में 600 प्रकरण दर्ज हुए थे जिससे 1257 हैक्टेयर क्षेत्रफल के वन प्रभावित हुए थे, मौजूदा वर्ष में वनाग्नि के 900 प्रकरण दर्ज हुए हैं जिसके चलते 1300 हैक्टेयर वन क्षेत्रफल प्रभावित हुए है। 
उन्होंने कहा कि कुमांऊ का उत्तरी ईलाका वनाग्नि से काफी प्रभावित है, गढ़वाल मण्डल की अपेक्षा कुमांऊ मण्डल में वनाग्नि की घटनाएं ज्यादा होती हैं, इसका मुख्य कारण पिरूल है। उन्होंने कहा कि वन महकमें में स्टाॅफ की काफी कमी है, बावजूद इसके वन महकमा पूरी सिद्दत के साथ आग पर नियंत्रण करने का कार्य कर रहा है। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों से कहा कि वनों की आग से सम्बन्धित सूचनाओं पर त्वरित कार्यवाही के लिए राजस्व महकमें के अलावा अन्य विभागों से भी सहयोग कराने की व्यवस्था करा दें ताकि सामूहिक प्रयासों से वनाग्नि पर नियंत्रण पा सकें। 
बैठक में जिलाधिकारी डाॅ.नीरज खैरवाल, रंजना राजगुरू, नितिन भदौरिया, डाॅ.रणबीर सिंह चौहान, डाॅ.विजय जोगदण्डे, मुख्य विकास अधिकारी विनीत कुमार, वन्दना, मयूर दीक्षित, मनोज कुमार, एसएसएस जंगपांगी, टीएस मर्तोलिया, मुख्य वन संरक्षक डाॅ.तेजस्विनी पाटिल, प्रवीण कुमार, प्राचार्य मेडिकल काॅलेज हल्द्वानी डाॅ.सीपी भैसोड़ा, प्रभागीय वनाधिकारी नितीश मणि त्रिपाठी, टीआर बीजू लाल, प्रभागीय वनाधिकारी सिविल सोयम केएस रावत, बीएस साही, हिमांशु बागरी, सुभाष चन्द्रा, कुबेर सिंह बिष्ट के अलावा अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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