पटना : निषाद समाज को सडक़ पर लाने के लिए जनता दल यूनाईटेड और सबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोंची समझी साजिश के तहत मछली बिक्री बंद कराया है। निषाद समाज को अनुसूचित जनजाति में लाने के लिए हमने पांच साल से लड़ाई किया। इस लड़ाई को देश के प्रधानमंत्री ने वादा किया था कि मछुआरा समाज को अनुसूचित जाति में शामिल करेंगे। मगर उन्होंने भी वादाखिलाफी किया। अब हमारा समाज हमें लोकसभा भेजकर एससी-एसटी आवाज को बुलंद करने के लिए इकट्ठा हो रहे हैं।
ये बाते आज विकासशील इंसान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सन ऑफ मल्लाह मुकेश सहनी ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार में आंध्र प्रदेश एवं अन्य राज्यों से लगभग 30-35 सालों से मछली बिक्री की जा रही है मत्स्य व्यवसाय से बिहार सरकार को करोड़ों का राजस्व प्राप्त होता है। लाखों परिवार एवं बेरोजगार लोगों का जीवन-यापन चलता है।
उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश की मछलियां 22 राज्यों में बिक्री जा रही है किसी भी राज्य में आंध्र पेदश की मछलियों की बिक्री पर रोकनहीं है। मुख्यमंत्री द्वारा एक सोंची-समझी साजिश के तहत बड़े-बड़े मत्स्य व्यवसायियों से मोटी रकम वसूलने एवं नेताओं के रिश्तेदारों के तालाबों से निकली हुई मछलियों को ऊंचे दामों पर बिक्री करवाकर फायदा पहुंचाने की नीयत से आंध्र प्रदेश एवं अन्य राज्यों से आने वाली मछलियों पर रोक लगायी गयी है।
मुख्यमंत्री बिहार में अवस्थित ल गभग 70 हजार तालाबों का जीर्णोद्धार करा देती तो बिहार के मछुआरों को रोजगार के अवसर प्राप्त होते। साथ ही एनएफडीबी हैदराबाद के द्वारा 90 प्रतिशत अनुदान पर आधुनिक मछली मार्केट बनवा देती है ता आज खुले जगहों पर मछली बिक्री नहीं होती।
बिहार सरकार अगर 21 जनवरी तक आंध्र प्रदेश एवं अन्य राज्यों की मछली बिक्री पर से रोक नहीं हटाती है तो 22 जनवरी को गर्दनीबाग में आमरण अनशन किया जायेगा और सरकार के विरूद्ध आन्दोलन जारी रहेगा। संवाददाता सम्मेलन में विकासशील इंसान पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ब्रह्मदेव चौधरी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैद्यनाथ सहनी, प्रदेश युवा अध्यक्ष गौतम बिन्द एवं अन्य शामिल थे।