केरल के एक बांध में जल स्तर का मुद्दा अब राजनीतिक स्तर पर भी काफी गंभीर रूप ले चुका है। ऐसे में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने मंगलवार को कहा कि मुल्लापेरियार में ‘कुछ नया करने की जरूरत है’, क्योंकि मौजूदा बांध बहुत पुराना है और लोग इस मामले का मैत्रीपूर्ण समाधान तलाश करने पर काम कर रहे हैं।
राज्यपाल ने कहा, ‘‘ मैं समझता हूं कि सभी को पहले से यह पता है कि यह बहुत पुराना बांध है। इसलिए कुछ नया करने की जरूरत है। लेकिन इस संबंध में सौहार्दपूर्ण समझौता कैसे किया जाए, यह एक ऐसी चीज है, जिस पर लोग काम कर रहे हैं। जब भी कोई जल विवाद होता है तो न्यायपालिका भी इसमें शामिल होती है।’’ इस एक सदी से ज्यादा पुराने बांध में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और आज सुबह नौ बजे तक जलस्तर 137.60 फुट तक पहुंच गया।
मुल्लापेरियार बांध में अधिकतम जल स्तर को लेकर ‘दृढ़ निर्णय’
राज्यपाल का यह बयान उच्चतम न्यायालय द्वारा पर्यवेक्षी समिति को मुल्लापेरियार बांध में अधिकतम जल स्तर को लेकर ‘दृढ़ निर्णय’ लेने का निर्देश देने के एक दिन बाद आया है। विधानसभा में सोमवार को एक प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री पी विजयन ने कहा कि सरकार केंद्र और अन्य के विरोध के बाद भी मुल्लापेरियार में एक नया बांध बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस बांध का निर्माण केरल के इडुक्की जिले में पेरियार नदी पर 1895 में किया गया था। इसका संचालन तमिलनाडु सरकार सिंचाई और बिजली उत्पादन संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए करती है। केरल सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए एक नए बांध निर्माण पर जोर देता है जबकि तमिलनाडु सरकार का कहना है कि इसका ढांचा काफी मजबूत है।
