भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) की तरफ से कोरोना वायरस महामारी के दौरान चुनाव कराने को लेकर जारी बृहद् दिशानिर्देश को सोमवार को गुजरात उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई और इसे केंद्रीय गृह मंत्रालय के परिपत्र के बिल्कुल विपरीत बताया गया जिसमें ज्यादा संख्या में लोगों के एकत्रित होने पर रोक है। ईसीआई की तरफ से पिछले शुक्रवार को जारी नये दिशानिर्देशों के मुताबिक ईवीएम का इस्तेमाल करने के लिए मतदाताओं को दास्ताने मुहैया कराए जाएंगे और पृथक-वास में रह रहे कोविड-19 के रोगियों को मतदान के दौरान अंतिम समय में वोट डालने की अनुमति होगी।
ईसीआई के दिशानिर्देशों के खिलाफ एक जनहित याचिका में मसौदा संशोधन दायर किया गया है। यह जनहित याचिका गुजरात के आठ विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों पर महामारी को देखते हुए रोक लगाने की मांग के लिए दायर की गई थी। याचिकाकर्ता फारसू गोकलानी ने कहा कि महामारी के दौरान आम चुनाव और उपचुनाव कराने के लिए ईसीआई के दिशानिर्देश गृह मंत्रालय की तरफ से 29 जुलाई को जारी परिपत्र के बिल्कुल विपरीत है।
गोकलानी ने याचिका में कहा कि गृह मंत्रालय के परिपत्र में सामाजिक, राजनीतिक, मनोरंजन, शैक्षणिक, सांस्कृतिक, धार्मिक कार्यक्रमों एवं अन्य तरह से ज्यादा संख्या में एकत्रित होने पर पूरी तरह प्रतिबंध है। याचिका में ईसीआई के दिशानिर्देशों को रद्द करने की भी मांग की गई है, क्योंकि इसमें दावा किया गया है कि चुनाव निकाय ने इन्हें जारी करने से पहले केंद्र सरकार से विचार-विमर्श नहीं किया। मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति जे. बी. परदीवाला की खंडपीठ के समक्ष 31 अगस्त को मामले पर सुनवाई हो सकती है।