तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में चुनाव आयोग पर बीजेपी के दवाब में पुलिस एवं अन्य अधिकारियों के तबादला करने का आरोप लगाया है और कहा है कि आयोग की विश्वसनीयता अब खतरे में पड गयी है। तृणमूल कांग्रेस नेता डेरेक ओ ब्रायन के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ से मुलाकात की है।
उनके साथ राज्यसभा के मुख्य सचेतक सुखेंदु शेखर और चन्दन मित्र भी शामिल थे। ब्रायन ने पत्रकारों को बताया कि सात अप्रैल को कूचबिहार में प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में एक बीजेपी नेता ने जिला पुलिस अधिकारी को हटाने की धमकी दी और 48 घंटे के भीतर उसका तबादला चुनाव आयोग ने कर दिया।
उन्होंने आरोप लगाया कि ईमानदार पुलिस अधिकारी बीजेपी के करोडों रुपयों को बरामद किया था। कोलकत्ता हवाई अड्डे के अधिकारी ने भी बीजेपी के रुपये बरामद किया था, लेकिन उनका तबादला किया जा रहा है। तृणमूल नेता ने चुनाव आयोग को निराशा आयोग और निकम्मा आयोग की संज्ञा देते हुए कहा कि हमने आयोग के सामने 10 शिकायतें की है, जिनमें प्रधानमन्त्री का सेना के बारे में दिया गया बयान भी शामिल है।
उन्होंने कहा कि बीजेपी ने सभी संवैधानिक संस्थाओं को नुकसान पहुंचाया है। तृणमूल कांग्रेस ने आयोग को एक ज्ञापन भी दिया, जिसमें ये आरोप लगाये गये हैं।