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एल्गार केस : स्वामी की मेडिकल जमानत अर्जी पर बॉम्बे HC ने NIA को जारी किया नोटिस

स्वामी ने इस साल मार्च में एक विशेष एनआईए कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट का रुख किया था जब विशेष एनआईए कोर्ट ने मेडिकल आधार और मामले के गुणदोष के आधार पर उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी थी।

एल्गार-परिषद माओवादी संबंध मामले के आरोपी आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता स्टेन स्वामी की मेडिकल जमानत याचिका पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को नोटिस जारी किया है। जांच एजेंसी ने अपना जवाब दाखिल करने के लिए कोर्ट से कुछ समय की मांग की है।
न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति मनीष पितले की पीठ ने महाराष्ट्र सरकार के प्राधिकारियों को स्वामी के वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति पर 15 मई तक एक रिपोर्ट दायर करने का भी निर्देश दिया। 84 वर्षीय स्वामी ने इस साल मार्च में एक विशेष एनआईए कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट का रुख किया था जब विशेष एनआईए कोर्ट ने मेडिकल आधार और मामले के गुणदोष के आधार पर उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। 
स्वामी के वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता मिहिर देसाई ने पीठ को बताया कि स्वामी को अक्टूबर 2020 में गिरफ्तार किया गया था और तब से वह तलोजा जेल के अस्पताल में हैं। देसाई ने कहा, ‘‘वह पार्किंसंस रोग से ग्रसित हैं। वह सुनने की क्षमता खो चुके हैं। कोविड-19 महामारी की स्थिति को देखते हुए, हमारा अनुरोध है कि उन्हें कम से कम अस्थायी जमानत दी जाए।’’ 
पीठ ने तब कहा कि स्वामी ‘‘निश्चित रूप से जमानत के हकदार हैं’’ और पूछा कि स्वामी के खिलाफ क्या आरोप हैं और विशेष एनआईए कोर्ट के समक्ष एल्गार-परिषद मामले की सुनवाई किस स्तर पर है। देसाई ने कहा कि स्वामी पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की कई कठोर धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। 
उन्होंने यह भी कहा कि विशेष अदालत के समक्ष मामले में आरोप अभी तय नहीं किए गए हैं। देसाई ने कहा, ‘‘हालांकि यह मामला नहीं है कि हथियार या कोई आपत्तिजनक सामग्री उनके (स्वामी के) कब्जे से पाई गई थी, हालांकि वह 84 वर्षीय पादरी हैं जो झारखंड में काम कर रहे थे, उन पर यूएपीए और आईपीसी की सभी संभव धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं।’’ 
एनआईए के वकील संदेश पाटिल ने हाई कोर्ट को बताया कि जांच एजेंसी को अपना जवाब दाखिल करने के लिए कुछ समय चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि स्वामी ने मेडिकल जमानत के मामलों में अपील दाखिल करने की वैधानिक समय सीमा के 152 दिन बाद अपील दायर की है। पीठ ने यह भी कहा कि स्वामी ने अपनी अपील दायर करने में देरी करके “कुछ हासिल नहीं किया।’’ 
कोर्ट ने कहा, ‘‘हम नोटिस जारी करेंगे और चिकित्सा रिपोर्ट मांगेगे। हम आपको अवकाश पीठ के समक्ष अपील का उल्लेख करने की अनुमति देंगे।’’ स्वामी ने एक अलग अपील भी दायर की है, जिसमें उन्होंने विशेष एनआईए कोर्ट के गुणदोष पर आदेश को चुनौती दी है। इस अपील पर 14 जून को हाई कोर्ट की नियमित पीठ के समक्ष सुनवायी होगी।

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