ऋषिकेश : वर्ष 1947 में देश की आजादी के बाद पाकिस्ताान से ऋषिकेश आए शरणार्थियों को नगर पालिका द्वारा व्यवसाय करने के लिए दी गई दुकानों को नगर निगम ने अतिक्रमण की श्रेणी में लाकर 72 वर्षोंं के बाद जमींदोज कर दिया है। आजादी के बाद पाकिस्तान से भारत आए शरणार्थियों को पुराने बद्रीनाथ मार्ग पर तत्कालिक नगर पालिका द्वारा व्यवसाय करने की दृष्टि से खाली भूमि पर दुकानें बनाने के लिए जगह उपलब्ध कराई थी। लेकिन अब इसे भी अवैध कब्जे की श्रेणी में लाकर नगर निगम की जेसीबी ने सैकड़ों दुकानों को जमींदोज कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि ऋषिकेश में दुकानदारों द्वारा किए गए अवैध तरीके से अतिक्रमण को लेकर दायर की गई जनहित याचिका पर उच्च न्यायालय द्वारा नगर निगम, पीडब्ल्यूडी, सिंचाई विभाग तथा हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण को 3 सप्ताह के अंदर जवाब दिए जाने के दिए गए नोटिस के बाद नगर निगम हरकत में आया है। इसी के चलते नगर निगम ने मंगलवार को पुराने बद्रीनाथ मार्ग पुराने टिहरी अड्डे झंडा चौक से त्रिवेणी घाट तक सड़क के दोनों ओर किए गए दुकानदारों द्वारा अतिक्रमण पर पीला पंजा चलाकर अपनी कार्रवाई को अंजाम दिया है।
अभियान नगर निगम के सहायक आयुक्त उत्तम सिंह नेगी, नायब तहसीलदार करण सिंह कोतवाली के वरिष्ठ उप निरीक्षक मनोज नैनवाल के नेतृत्व में दूसरे दिन भी सुबह 11:00 बजे से प्रारंभ किया गया, जिसकेे अंतर्गत दुकानदारों द्वारा कियेे गये अतिक्रमण को जबरन हटा दिया गया।