बंबई उच्च न्यायालय ने गोवा सरकार को राज्य सरकार के गोवा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (जीएमसीएच) में कोविड-19 मरीजों की निजता सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षात्मक स्क्रीन प्रदान करने के आदेश दिए हैं।
न्यायमूर्ति एम एस सोनक और न्यायमूर्ति एस सी गुप्ते की गोवा पीठ ने बुधवार को अपने आदेश में कहा कि अस्पताल के सुपर स्पेशिएलिटी खंड में भर्ती मरीजों की निजता को संरक्षित रखने के लिए यह आवश्यक है। पीठ ने कहा कि अगर अस्पताल के अधिकारियों को लगता है कि मरीजों की निजता को सुरक्षित रखने के लिए ज्यादा पर्दों की जरूरत है तो उन्हें तत्काल इसके प्रबंध करने चाहिए। आम आदमी पार्टी की गोवा इकाई के समन्वयक राहुल महाम्ब्रे ने अदालत में एक याचिका दायर कर कहा कि मरीजों की जांच के दौरान या उनके कपड़े बदलने के वक्त वार्डों में उचित पर्दे नहीं हैं।
याचिका में पणजी के पास स्थित जीएमसीएच के सुपर स्पेशिएलिटी खंड में भर्ती कोविड-19 मरीजों और उनके रिश्तेदारों की सहूलियत के लिए विभिन्न निर्देश देने का अनुरोध किया गया था। अपने आदेश में, उच्च न्यायालय ने कहा, “हम स्पष्ट करते हैं कि पर्याप्त पर्दों के प्रावधान के मामले को तत्काल आधार पर देखा जाए।”
पीठ ने कहा कि सुपर स्पेशिएलिटी खंड में भर्ती मरीजों को पेयजल अस्पताल द्वारा उपलब्ध कराया जाता है लेकिन, “यह न्याय के हित में होगा कि वार्ड के बाहर प्रतीक्षा स्थानों में पानी के डिस्पेंसर के लिए प्रबंध किए जाएं।” याचिका पर सुनवाई के दौरान, गोवा के महाधिवक्ता देवीदास पंगम ने अदालत में दलील दी कि जीएमसीएच के सुपर स्पेशिएलिटी खंड में भर्ती मरीजों के लिए प्रति वार्ड पर्याप्त संख्या में पर्दे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अस्पताल में मरीजों को पीने के लिये गरम पानी उपलब्ध कराया जाता है।