कांग्रेस का दामन छोड़ हाल में ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हुए कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया पर आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) ने 10 करोड़ रुपए से जुड़े एक जमीनी घोटाले को लेकर फिर से शुरू की जांच को बंद कर दिया है। घोटाले से सम्बंधित जांच साल 2014 से शुरू की गई थी।
सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जाने के बाद मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार के दौरान ईओडब्ल्यू ने ग्वालियर में शिकायतकर्ता सुरेन्द्र श्रीवास्तव की शिकायत पर 12 मार्च को यह मामला फिर से खोला था। ईओडब्ल्यू के एक आला अधिकारी ने मंगलवार को बताया, ”सुरेन्द्र श्रीवास्तव ने 12 मार्च को सिंधिया और उनके परिवार के खिलाफ फिर से शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्होंने एक रजिस्ट्री दस्तावेज में हेरफेर कर वर्ष 2009 में ग्वालियर के महलगांव में 6000 वर्ग फुट जमीन उन्हें बेची।
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उनकी शिकायत के बाद हमने तथ्यों को फिर से सत्यापित करने के लिए अपने ग्वालियर कार्यालय को आदेश दिए।” दरअसल, बीजेपी नेता सिंधिया पर एक ही जमीन को कई बार बेचने का आरोप है, इसके साथ ही इनपर सरकारी जमीन को भी बेचने के आरोप लगाए गए थे।