रुद्रपुर : उत्तराखण्ड राज्य में नशा पीड़ितों के लिए विधिक सेवाएं उनके उन्मूलन तथा नशे के आदि लोगों के लिए पुनर्वास हेतु मुख्य न्यायमूर्ति उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय नैनीताल द्वारा 28 सितम्बर को देहरादून में एक अभियान (संकल्प-नशामुक्ति देवभूमि) का शुभारम्भ किया जाना है। इसी क्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में विकास भवन सभागार में एक सेमिनार का आयोजन नशे के खिलाफ किया गया। कार्यशाला में पैरा विधिक कार्यकर्ताओं एवं पैनल अधिवक्ताओं को जिला एवं सत्र न्यायाधीश व सदस्य उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण डा. ज्ञानेन्द्र कुमार शर्मा ने कहा सत्य पर पहुंचना ही न्याय है।
उन्होंने कहा जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन व न्याययिक सेवाओं के माध्यम से नशामुक्त करने हेतु अभियान चलाया जाएगा, ताकि नशे को समाज से मुक्त किया जा सके। उन्होंने कहा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से जो कैम्प लगाए जाते हैं वे मन से लगाए जाएं ताकि लोगों को कानूनी जानकारी मिल सके। उन्होंने कहा घरेलू हिंसा को रोकने व नशामुक्ति हेतु हर व्यक्ति अपने ही घर से मुहिम छेड़े।
उन्होंने कहा इस अभियान को गांव-गांव तक पहुंचाने के लिए ग्राम प्रधानों का सहयोग भी ले, साथ ही सार्वजनिक स्थानों, कालेजों, महाविद्यालयों में नशे से होने वाले दुष्परिणामों की जानकारी देते हुए लोगों को जागरूक करें। उन्होंने कहा विद्यालयों में एण्टी ड्रग्स क्लब बनाकर समय-समय पर अभिभावकों की बैठक आयोजित की जाए। साथ ही जिस परिवार में जो व्यक्ति नशे की गिरफ्त में उसे बचाने के लिए अभिभावकों की भी काउन्सलिंग की जाए। उन्होंने कहा नशामुक्ति हेतु जो स्वयंसेवी संगठन जनपद में कार्य कर रहे हैं, उन्हे भी इस अभियान में जोड़ा जाए।