केरल सदी की सबसे बड़ी तबाही से इस वक्त जूझ रहा है। 100 साल में कभी ऐसी तबाही केरल ने नहीं देखी। 350 से ज़्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। 8 लाख से ज़्यादा लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं। राज्य के 14 में से 11 ज़िलों में रेड अलर्ट जारी किया गया था जिसे अब वापस ले लिया गया है। प्रदेश में बाढ़ की विभीषिका के कारण 7,24,649 लोगों को राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है। बाढ़ पीड़ितों के लिए 5,645 राहत शिविर बनाए गए हैं। बाढ़ की त्रासदी ने 370 जिंदगियां लील लीं।
मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भारी बारिश से राहत का दावा जरूर किया है, लेकिन आपदा के इस दौर से केरल में जान-माल का जो नुकसान हुआ है, उससे केरल और वहां के रहने वालों का जीवन पटरी पर लौटने पर काफी समय लग सकता है। जबकि इडुक्की, कोजीकोड, कन्नूर में येलो अलर्ट जारी है।
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मीडिया से बातचीत में कहा, ”हमारी सबसे बड़ी चिंता लोगों की जान बचाने की थी। लगता है कि इस दिशा में काम हुआ।” केरल में आखिरकार बाढ़ के सबसे विनाशकारी दौर समाप्त होने के संकेत मिले और कई शहरों व गांवों में जलस्तर में कमी आई। मुख्यमंत्री ने कहा, ”शायद यह अब तक की सबसे बड़ी त्रासदी है, जिससे भारी तबाही मची है। इसलिए हम सभी प्रकार की मदद स्वीकार करेंगे।” उन्होंने बताया कि 1924 के बाद प्रदेश में बाढ़ की ऐसी त्रासदी नहीं आई।
विजयन ने कहा कि बचाव कार्य का अंतिम चरण जारी है। कई व्हाट्सएप ग्रुप पर मदद की मांग की जा रही है, खासतौर से अलप्पुझा से मदद मांगी जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे 22,034 लोगों को बचाया गया है। गौरतलब है कि केरल में 29 मई को आई पहली बाढ़ के बाद से लोगों की मौत का सिलसिला जारी है। बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित अलाप्पुझा, एर्नाकुलम और त्रिशूर में बचाव कार्य जारी है। अधिकारियों ने इन तीन जिलों में जारी किए गए रेड अलर्ट को वापस ले लिया है।
सर्वाधिक प्रभावित स्थानों जहां लोग पिछले तीन दिनों से भोजन या पानी के बिना फंसे हुए हैं, उनमें चेंगन्नूर, पांडलम, तिरुवल्ला और पथानामथिट्टा जिले के कई इलाके, एर्नाकुलम में अलुवा, अंगमाली और पारावुर में शामिल हैं। अलाप्पुझा में बचाव कार्य में मदद के लिए आए फंसे मछुआरों के एक समूह ने अधिकारियों के बीच समन्वय की कमी होने की शिकायत की। केरल सरकार ने बाढ़ से कुल 19,500 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान लगाया है।
- केरल में भारी वर्षा और बाढ़ के कारण प्रभावित इलाके से अब तक 15,000 से ज्यादा लोगों को निकाला गया है और बेहद खराब हालात वाले इलाकों में बचाव अभियान तेज कर दिया गया है।
- राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने कहा है कि दक्षिणी राज्य में एक सदी में सबसे भीषण बाढ़ के बीच मुश्किल परिस्थितियों में कुल 58 टीमें काम कर रही हैं और हर टीम में करीब 30-35 कर्मी हैं। एनडीआरएफ के एक प्रवक्ता ने बताया, ‘‘पानी घटने से कुछ जगहों पर स्थिति ठीक हो रही है लेकिन तिरूवल्ला और चेंगान्नुर (अलपुझा), अलेवा (एर्नाकुलम) और इडुक्की तट जैसे अभी भी प्रभावित इलाके में अभियान तेज कर दिया गया है।’’
- प्रवक्ता के अनुसार कठिन हालात के बीच ऐन वक्त पर एनडीआरफ टीमों ने 348 लोगों और 50 पशुओं को बचा लिया। अभी तक 15000 से ज्यादा लोगों को निकाला गया है।
- आठ अगस्त के बाद केरल में सदी की सबसे भीषण जलप्रलय से 350 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इडुक्की जिले में सबसे अधिक मौत हुई है. यहां 43 लोगों की जान जा चुकी है। 8 लाख लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं। हजारों लोग बिना खाना-पानी के अपने घरों में फंसे हुए हैं। रनवे और हवाई अड्डे के अन्य हिस्से में बाढ़ का पानी घुसने के कारण कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा 26 अगस्त तक बंद है।
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा ने रविवार को कहा कि उनका मंत्रालय बाढ़ से त्रस्त केरल में राहत कार्यों में हरसंभव मदद कर रहा है, जहां 3757 चिकित्सा राहत शिविर बनाए गए हैं। केरल में आठ अगस्त से हो रही मूसलाधार बारिश से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और पिछले दस दिनों में 350 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
- नड्डा ने कहा, ‘‘हम नियमित रूप से केरल में बाढ़ की स्थिति पर नजर रख रहे हैं। स्वास्थ्य सचिव राज्य में स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ नियमित संपर्क में हैं और रोग निगरानी नेटवर्क के माध्यम से रोजाना स्थिति पर नजर रख रहे हैं।’’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने केरल के स्वास्थ्य मंत्री के. के. शैलजा से बात की है और व्यक्तिगत रूप से निगरानी कर रहे हैं।
- आधिकारिक बयान के मुताबिक 3757 चिकित्सा शिविर बनाए गए हैं और राज्य सरकार के आग्रह के मुताबिक आवश्यक मात्रा में 90 तरह की दवाएं केरल भेजी गई हैं। दवाओं की पहली खेप सोमवार को पहुंच जाएगी. स्वास्थ्य मंत्रालय दूसरे राज्यों के साथ भी समन्वय कर रहा है ताकि दवाओं की आपूर्ति बढ़ाई जाए।
- केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने रविवार को कहा कि राज्य में आई विनाशकारी बाढ़ से बेघर हुए कुल 846,680 लोग 3,734 शिविरों में रह रहे हैं और बचाव अभियान का अंतिम चरण चल रहा है। विजयन ने बाढ़ के दौरान आ रही खबरों के बीच मीडिया को बताया, ”हमारी पहली चिंता जिंदगियां बचाने की है. ऐसा प्रतीत हो रहा है कि यह इच्छा पूरी होगी।”
- ऐसी खबरें आ रही हैं कि यह बाढ़ 1924 से अब तक की सबसे विनाशकारी बाढ़ है, जिससे अब तक 370 लोगों की मौत और भारी तबाही हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगला लक्ष्य लोगों को जिंदगियों को सामान्य बनाना है, जिसके लिए एक योजना पर कार्य किया जा रहा है।
- मुख्यमंत्री ने कहा, ”पुनर्वासन का कार्य विभिन्न एजेंसियों द्वारा किया जा रहा है।” उन्होंने बाढ़ प्रभावित सभी शहरों व कस्बों को युद्ध स्तर पर साफ करने का संकल्प लिया।