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कुमारस्वामी मंत्रिमंडल का विस्तार : कांग्रेस में उठे असंतोष के सुर

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बेंगलुरु : कर्नाटक की छह महीने पुरानी गठबंधन सरकार का शनिवार शाम लंबी प्रतीक्षा के बाद मंत्रिमंडल विस्तार किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक दो मंत्रियों रमेश जारकिहोली (नगर प्रशासन) और आर शंकर (वन एवं पर्यावरण) को हटाया जा सकता है। राज्यपाल वजुभाई वाला शाम 5:20 बजे नए मंत्रियों को शपथ दिलाएंगे। मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने राज्यपाल से मुलाकात की और उनसे कैबिनेट विस्तार की मंजूरी मांगी। वाला से मुलाकात के बाद पत्रकारों से मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ आज आठ मंत्री शपथ लेंगे। मैंने राज्यपाल से मुलाकात की थी और उन्हें नए मंत्रियों की सूची दी है और इसके लिए उनसे मंजूरी भी मांगी है।’’ कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया के कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सतीश जारकिहोली, एम बी पाटिल, सी एस शिवल्ली, एम टी बी नागराज, ई तुकाराम, पी टी परमेश्वर नाइक, रहीम खान और आर बी थिम्मारपुर को मंत्री बनाया जाएगा।

आठ में सात मंत्री उत्तर कर्नाटक के हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से नामों को मंजूरी मिलने के बाद मीडिया में बयान जारी किया गया है। गांधी ने शुक्रवार रात पार्टी के कर्नाटक प्रभारी सचिव के सी वेणुगोपाल, कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया, प्रदेश कांग्रेस प्रमुख दिनेश गुंडु राव और उप मुख्यमंत्री जी परमेश्वर राव के साथ बैठक के बाद इन नामों को मंजूरी दी थी। रमेश जारकिहोली का कथित रूप से भाजपा नेताओं से मेल-जोल है और वह कैबिनेट तथा पार्टी की बैठकों में नहीं आ रहे हैं। उन्हें कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। उनके स्थान पर उनके भाई सतीश जारकिहोली को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा।

शंकर निर्दलीय विधायक हैं। उन्हें कांग्रेस के सहयोगी सदस्य होने के लिए उनकी अनिच्छा के चलते हटाया जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस की सत्ता साझेदार जद(एस) इस कैबिनेट विस्तार का हिस्सा नहीं है। वह संक्रांति के बाद अपने हिस्से के नए मंत्रियों को मंत्रिमंडल में शामिल कर सकती है। कुमारस्वामी ने जद(एस) से नए मंत्रियों को शामिल करने पर पूछे सवाल पर कहा, ‘‘ आपको इस बारे में शाम में मालूम हो जाएगा।’’ मई में दोनों दलों के बीच सत्ता की साझेदारी के लिये हुए समझौते के मुताबिक कांग्रेस के हिस्से में छह और जद (एस) के हिस्से से दो मंत्री पद बचे हैं। यह दूसरा मंत्रिमंडल विस्तार है। कैबिनेट विस्तार को कई बार टाला गया है क्योंकि कई इच्छुक, खासतौर पर, कांग्रेस से मंत्री बनने के इच्छुक नेताओं ने खुले तौर पर अपनी नाखुशी जाहिर की थी।

कांग्रेस नेता लगातार कह रहे थे कि कैबिनेट का विस्तार तय समय यानी 22 दिसंबर को ही होगा, लेकिन पार्टी विधायकों को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव तक इसके होने पर संशय था। इसके लिए कुछ ‘शून्य मास’ का हवाला दिया जिसे अशुभ समझा जाता है। सूत्रों ने बताया कि कैबिनेट विस्तार के साथ विभिन्न बोर्ड और निगमों के प्रमुखों के तौर पर मंत्रियों के संसदीय सचिवों के तौर पर विधायकों की नियुक्ति भी शनिवार को ही की जाएगी। सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस नेता वी मुनिअप्पा मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव होंगे जबकि अजय सिंह राष्ट्रीय राजधानी में राज्य के प्रतिनिधि होंगे।

उन्होंने बताया कि शरणबसप्पा दर्शनपुर को राज्य के योजना आयोग का उपाध्यक्ष बनाया गया है। इस बीच, कांग्रेस में असंतोष के सुर उठते दिख रहे हैं क्योंकि कुछ वरिष्ठ नेताओं के नाम पर मंत्री पद के लिए विचार नहीं किया गया। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री रामलिंगा रेड्डी की बेटी सौम्या रेड्डी (विधायक) ने मंत्री पद के लिए उनके पिता के नाम पर विचार नहीं करने पर नाराजगी जाहिर की है और बेंगलुरु शहर में पार्टी को बढ़ाने में अपने पिता के योगदान को रेखांकित किया। सौम्या रेड्डी को संसदीय सचिव पद की पेशकश की गई थी जिससे उन्होंने इनकार कर दिया है। एक अन्य इच्छुक और हिरेकेरूर से विधायक बीसी पाटिल भी मंत्री नहीं बनाए जाने को लेकर नाखुश हैं। उनके समर्थकों ने उनके निर्वाचन क्षेत्र में धरना भी दिया है।

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं कारण नहीं जानता हूं, लेकिन मुझे इस बार (मंत्री पद) नहीं मिला है।’’ पाटिल ने कहा कि उन्हें सिद्धरमैया पर विश्वास है जिन्हें उन्होंने अपना ‘राजनीतिक गुरू’ बताया। हवेरी जिले से कम प्रतिनिधित्व को रेखांकित करते हुए अभिनेता और सियासतदान ने कहा कि विजयपुरा जैसे कुछ जिलों से पहले ही दो मंत्री थे अब एमबी पाटिल के तौर पर तीन मंत्री हो गए हैं जो लिंगायत समुदाय से हैं। भद्रवती से कांग्रेस के अन्य विधायक बी के संगमेश ने कहा कि वह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा के गढ़ शिवमोगा से पार्टी के इकलौते विधायक हैं और सिद्धरमैया ने उन्हें मंत्री बनाने का वायदा किया था। हगारिबोम्मानाहल्ली से विधायक भीमा नाइक ने उन्हें नजरअंदाज कर परमेश्वर नाइक को मौका देने के लिए पार्टी नेतृत्व पर हमला किया।

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