कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं है, जिससे यह साबित हो सके कि आरोपी का इरादा यौन शोषण करने का था। फैसला सुनाते समय कोर्ट ने यह भी कहा कि ऐसे कोई सबूत नहीं जिससे यह संकेत मिलते हों कि आरोपी ने लगातार पीड़िता का पीछा किया हो, उसे किसी सुनसान जगह पर रोका या फिर नाबालिग से यौन शोषण के लिए आपराधिक बल का इस्तेमाल किया हो।