महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को “आषाढ़ एकादशी” के अवसर पर पंढरपुर स्थित भगवान विट्ठल और देवी रुक्मिणी के मंदिर में “महापूजा” की। ‘वारकरी’ (श्रद्धालु) विट्ठल चव्हाण और उनकी पत्नी प्रयाग को मुख्यमंत्री एवं उनकी पत्नी अमृता के साथ पूजा की विधि करने का अवसर मिला।
मुंबई से करीब 350 किलोमीटर की दूरी पर स्थित शोलापुर जिले में पंढरपुर में भगवान विट्ठल के मंदिर में बृहस्पतिवार रात करीब ढाई बजे पूजा की विधि शुरू हुई। पूजा सम्पन्न होने के बाद फडणवीस ने कहा कि उन्होंने यह पूजा राज्य एवं यहां के लोगों की शांति एवं खुशहाली के लिये की।
पिछले साल मुख्यमंत्री इस पूजा में शामिल नहीं हो पाये थे। उन्होंने कहा, “मैंने विठोबा (भगवान विट्ठल का दूसरा नाम) से राज्य को सूखामुक्त करने के सरकार के प्रयासों में उन्हें अपना आशीर्वाद देने की प्रार्थना की।” पिछले साल पूजा में शामिल नहीं हो पाने में अपनी समर्थता को याद करते हुए फडणवीस ने कहा, “ईश्वर पंढरपुर के बाहर के लोगों के हमारे दिल और घरों में भी बसते हैं।”
हर साल इस पारंपरिक पूजा में राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री के शामिल होने की परंपरा रही है। पिछले साल नौकरियों एवं शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर दक्षिण मुंबई के मराठा समुदाय के लोगों के आंदोलन को देखते हुए फडणवीस ने अपने आवास ‘वर्षा’ में स्थित कार्यालय में ही पूजा की थी।