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फेल हुए छात्रों को पास कर दिया गया, चिकित्सा मंत्री सारंग ने कहा दोषियों को मिलेगी सजा

एक आरटीआई के जरिए मध्य प्रदेश के मेडिकल कॉलेज में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के मामले का खुलासा हुआ था। इस नए घोटाले की जांच चिकित्सा एवं शिक्षा विभाग ने शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने मामले को गंभीरता से लिया है।

भोपाल (मनीष शर्मा) मध्य प्रदेश में नौकरी हो या एडमिशन हर जगह भ्रष्टाचार के मामले आए दिन सामने आते रहते हैं। दुनिया का सबसे बड़ा घोटाला व्यापम भी मध्य प्रदेश में ही घटित हुआ। चंद दिनों पहले अपेक्स बैंक में नियुक्ति घोटाले के बाद एक बार फिर प्रदेश के मेडिकल कॉलेज में भ्रष्टाचार की जांच शुरू होते ही हड़कंप मचा है। फेल हुए छात्रों को पास करना और कम नंबर आने पर नंबर बढ़ाने जैसा मामला प्रकाश में आते ही व्यापम की यादें ताजा हो गई है। प्रदेश की सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दे दिए।
जबलपुर के मेडिकल कॉलेज में हुए घोटाले की तुलना व्यापमं से की जाने लगी है। मेडिकल कॉलेज के सूत्रों के अनुसार इस घोटाले का मास्टरमाइंड परीक्षा नियंत्रक हो सकता है क्योंकि बिना परीक्षा नियंत्रक के फेल छात्रों को पास करना असंभव है। यह मामला तब उजागर हुआ जब पिछले दिनों एक आरटीआई के जरिए प्रदेश के इस इकलौते मेडिकल कॉलेज में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के मामले का खुलासा हुआ था। इस नए घोटाले की जांच चिकित्सा एवं शिक्षा विभाग ने शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने मामले को गंभीरता से लिया है।
▪️जानिए कैसे हुआ घोटाला-
जानकारी के मुताबिक विश्वविद्यालय में डेंटल और नर्सिंग के उन छात्रों को पास कर दिया जिन्होंने परीक्षा में भाग नहीं लिया। जांच में मेडिकल यूनिवर्सिटी में अनुपस्थित छात्रों को उत्तीर्ण करने का खुलासा तो हुआ ही है। साथ ही यह भी पता चला है कि जिन विद्यार्थियों के कम नंबर थे उनके नंबर बढ़ाए भी गए। साथ ही यह भी पता चला है कि रिजल्ट घोषित होने के पहले ही विद्यार्थियों को उनके नंबर बता दिए जा रहे थे जिसके आधार पर फेल को पास और कम नंबर वाले को ज्यादा नंबर देने का खेल चल रहा था। 
रिजल्ट बनाने वाली ठेका कंपनी, प्राइवेट सर्विस प्रोवाइडर कंपनी माइंड लॉजिक की मिलीभगत उजागर हुई है। साथ ही गोपनीय विभाग के लिपिक (बाबू )और अवकाश पर चल रही परीक्षा नियंत्रक भी संदेह के घेरे में हैं। आरोप है कि परीक्षा नियंत्रक ने ई-मेल पर कई छात्रों के नंबर तक मंगाए थे। 
इसके अलावा परीक्षा नियंत्रक ने डेंटल और नर्सिंग पाठ्यक्रम के प्रेक्टिकल परीक्षा के अंकों में हेरफेर भी करवाया था। इस पूरे घोटाले की इमानदार छात्रों द्वारा शिकायत की गई थी। परीक्षा नियंत्रक डॉ. वृंदा सक्सेना ने छुट्टी पर रहते हुए भी फेल हुए छात्रों को ईमेल से पास करने के रिजल्ट और नंबर भेजें यह खुलासा हुआ है। डॉ.सक्सेना ने ऐसा क्यों किया किसके कहने पर किया यह जांच का विषय है।
▪️ सरकार की सफाई
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि मामला सामने आने के बाद उन्होंने तत्काल इसको संज्ञान में लिया है और उन्होंने ही इसके जांच के आदेश दिए हैं। सारंग ने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। पूरी जांच निष्पक्ष था के साथ कराई जा रही है उनके रहते कोई बच नहीं सकता।

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