राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) ने बिहार सरकार पर बंगले को लेकर सियासत करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार लोगों को मुद्दों से भटकाने में लगी है. सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य और किसानों के मुद्दों से लोगों का ध्यान भटका कर राजद नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के बंगले को मुद्दा बना रही है. पूर्व केंद्रीय मंत्री और रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि जिस सरकारी बंगले को लेकर बिहार सरकार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी हायतौबा मचा रहे हैं, क्या वे बताएंगे कि जिस बंगले को वे सेवन स्टार कह रहे हैं, वे उस बंगले का सुख क्यों भोग रहे हैं. कुशवाहा ने सुशील मोदी की कड़े शब्दों में आलोचना करते हुए कहा कि वित्त मंत्री तो तेजस्वी यादव नहीं हैं और उनका सरकारी बंगले पर खर्च सरकारी प्रक्रिया के तहत ही हुआ होगा.
खर्च का सालाना आडिट होता है इसलिए गड़बड़ी हो रही थी तो सरकार ने तब आपत्ति क्यों नहीं की. उन्होंने कहा कि सुशील मोदी खुद वित्त मंत्री भी हैं और अगर वे वित्तीय गड़बड़ी की बात कर रहे हैं तो नाकामी उनकी है इसलिए उनको तत्काल अपना पद छोड़ देना चाहिए। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता फ़ज़ल इमाम मल्लिक एंव माधव आनंद ने बयान जारी कर कहा कि पार्टी का मानना है कि अगर तेजस्वी यादव ने सरकारी बंगले के रख-रखाव में सरकारी नियमों की अनदेखी की है तो सरकार के दूसरे मंत्रियों-संतरियों ने भी इस तरह की गड़बड़ी की होगी. कुशवाहा ने कहा कि इस तरह की गड़बड़ी की पूरी आशंका है. इसलिए सुशासन का दावा करने वालों की नैतिकता अब सवालों में है और हम मांग करते हैं कि सिर्फ तेजस्वी यादव ही नहीं मुख्यमंत्री सहित दूसरे मंत्रियों के विभागों की जांच हो.
कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार सहित दूसरे मंत्रियों के बंगले और उसके रख-रखाव की तसवीरें दिखाने की छूट मीडिया को सरकार दे ताकि सच सामने आ सके. मल्लिक के मुताबिक रालोसपा ने मांग की है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सरकारी आवास पर 2005 से अब तक कितना खर्च हुआ है इसका ब्योरा सार्वजनिक किया जाए ताकि जनता के सामने सच सामने आ सके. पार्टी प्रमुख उपेंद्र कुशवहा ने सरकार के तेजस्वी पर आरामतलब होने के आरोप पर भी मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को घेरा और कहा कि आरोप लगाने वाले पहले अपने गिरेबान में झांकें. जो लोग तेजस्वी यादव पर आरोप लगा रहे हैं उन्हें यह बताना चाहिए कि किसी सदन का सदस्य बनने से पहले खुद नीतीश कुमार जी गांव के जिस घर में रहते थे और आज जहां वास कर रहे हैं,
दोनों आवासों की साज-सज्जा में कितना फर्क है. कुशवाहा ने कहा कि तेजस्वी यादव तो जन्म से एसी में रहे और अगर आज भी एसी में हैं तो सरकार के मंत्रियों-संतरियों का कलेजा क्यों फटता है. कुशवाहा ने सवाल किया कि जो तेजस्वी यादव पर आरोप लगा रहे हैं वे बताएं कि आपके बेडरूम में एसी है या नहीं. हद तो यह है कि विपक्ष पर एसी को लेकर हमला करने वाले मंत्री यह भूल गए कि उनकी गाय तक एसी में रहती है. कुशवाहा ने कहा कि आपकी गाय एसी में रहे तो ठीक और दूसरा अपने कमरे में एसी लगाए तो गलत. यह दोहरा मापदंड नहीं चलेगा. उन्होंने सवाल किया कि तेजस्वी यादव पर आरोप लगाने वाले बताएं कि बिहार सरकार के मंत्रियों ने एसी अपने पैसे से खरीदा है या सरकारी पैसे से।
कुशवाहा ने कहा कि तेजस्वी यादव का गुनाह सिर्फ इतना है कि उन्होंने अपने बेडरूम से लेकर बाहर मीडिया कर्मियों और जनता के बैठने वाली जगहों को वातानुकूलित किया. कुशवाहा ने कहा इसकी बड़ी वजह यह है कि तेजस्वी बिहार के मंत्रियों की तरह दोहरा चरित्र नहीं जीते. वे बिहार के मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों की तरह बाहर कुछ, अंदर कुछ पर यकीन नहीं रखते. वे उसी तरह घर में रहते हैं जिस तरह जनता के सामने रहते हैं. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार हों या सुशील मोदी घर में कुछ रहते हैं और जनता के सामने कुछ और. कुशवाहा ने कहा कि आरोप लगाने वालों में इतनी नैतिकता होती तो तेजस्वी के अच्छे कामों की तारीफ भी करते. कुशवाहा ने कहा कि तेजस्वी यादव की तो इस बात के लिए तारीफ की जानी चाहिए कि उन्होंने जब अपना सरकारी आवास खाली किया तो सब कुछ जस का तस था. उन्होंने एक चम्मच तक इधर-उधर नहीं किया. मल्लिक ने कहा कि बिहार सरकार के मंत्रियों को बंगले की सियासत छोड़ कर इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा में सुधार कैसे हो. लेकिन सरकरा बंगले की सियासत में अटकी है।