देहरादून : मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से प्रदेशभर की हजारों आंगनबाड़ी केंद्रों में ‘टेक होम राशन’ योजना और कुपोषित बच्चों को दिए जाने वाले पोषाहार ‘ऊर्जा’ की आपूर्ति की जाए। बच्चों को पौष्टिक व गुणवत्ता आहार के साथ ही स्थानीय महिलाओं को रोजगार के अवसर भी मिले, इसके लिए महिला स्वयं सहायता समूहों हेतु स्किल डेवलपमेन्ट ट्रैंनिंग की व्यवस्था की जाए।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में समेकित बाल विकास सेवाओं के तहत टेक होम राशन और कुपोषित बच्चों को आंगनबाड़ी केन्द्र के माध्यम से दिए जाने वाले पोषाहार ‘ऊर्जा’ (उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पादों मण्डुआ, भटट, घी, गुड़ व चौलाई का पका हुआ पोषाहार) की प्रगति की समीक्षा की। इस दौरान सीएम ने निर्देश दिए कि आंगनबाड़ी केन्द्रों पर गर्भवती महिलाओं और नौनिहालों की कुपोषण जांच की निरन्तर मॅनिटरिंग की जाए।
आंगनबाड़ी केन्द्रों में बाल विकास सुनिश्चित करने व कुपोषण समाप्त करने हेतु प्रतिवर्ष आवंटित होने वाले 214 करोड़ रूपयें की धनराशि का सदुपयोग, सही वितरण, लाभार्थियों को वास्तविक लाभ, पौष्टिक आहार की सुनिश्चितता हेतु प्रभावी मॅनिटरिंग की जाए। आंगनबाड़ी केन्द्रों में भोजन व पोषाहार उपलब्ध करवाने वाले स्वयं सहायता समूहों व संस्थाओं को स्वच्छता के मानकों का कड़ाई से पालन करवाया जाए।
इसके साथ ही सीएम ने निर्देश दिए कि राज्य में मौजूद लगभग 20 हजार कुपोषित बच्चों के परिवारों को रोजगार से जोड़ने की कार्ययोजना पर कार्य किया जाए। इन गरीब व कुपोषित परिवारों को पहले से मौजूद 12 हजार स्वयं सहायता समूहों से जोड़ा जाए। इस वर्ष 8000 नए स्वयं सहायता समूह बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
– सुनील तलवाड़