बांग्ला फिल्मों के प्रसिद्ध अभिनेता सौमित्र चटर्जी का रविवार को निधन हो गया। लंबे समय से बीमार चल रहे 85 वर्षीय चटर्जी का अस्पताल में इलाज चल रहा था। शहर के निजी अस्पताल में उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों की टीम शनिवार को उनकी स्थिति बहाल करने के लिए अंतिम कोशिशों में लगी हुई थी, लेकिन उन्होंने आज दुनिया को अलविदा कह दिया।
वयोवृद्ध अभिनेता की स्वास्थ्य स्थिति पिछले 48 घंटों में ‘बेहद’ खराब हो गई है। दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित चटर्जी जीवन रक्षक प्रणाली पर थे। तमाम कोशिशों के बावजूद उनकी शारीरिक प्रणाली प्रतिक्रिया नहीं दे रही थी। शनिवार को चटर्जी की स्थिति पहले से और खराब हो गई। वह जिंदगी के लिए लड़ रहे थे।
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सौमित्र चटर्जी छह अक्टूबर को कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए थे और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह बाद में संक्रमण मुक्त भी हो गए थे, लेकिन उनकी तबीयत बिगड़ती चली गई। 1959 में फिल्म ‘अपुर संसार’ से अपने करियर की शुरुआत करने वाले सौमित्र चटर्जी बांग्ला सिनेमा की बड़ी शख्सियत थे।
उन्होंने ऑस्कर विनिंग डायरेक्टर सत्यजीत रे के साथ 14 फिल्मों में काम किया था। सौमित्र पहले भारतीय थे जिन्हें किसी कलाकार को दिए जाने वाला फ्रांस का सबसे बड़ा अवॉर्ड Ordre des Arts et des Lettres दिया गया था। वे दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित थे। उन्हें 3 बार नेशनल अवॉर्ड मिला था। इसके अलावा वे संगीत नाटक एकेडमी अवॉर्ड, 7 फिल्मफेयर अवॉर्ड के साथ पद्म भूषण से सम्मनित किए गए थे।