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मोदी सरकार के कृषि कानूनों से किसानों को हुआ भारी नुकसान, दिखने लगे है दुष्परिणाम: अजय सिंह

मध्य प्रदेश के पूर्व नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मंत्री अजय सिंह ने केंद्र की मोदी सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ अपना रोष जाहिर करते हुए कहा कि किसानों को इस काले कानून से बहुत हानि हुई।

मध्य प्रदेश के पूर्व नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मंत्री अजय सिंह ने केंद्र की मोदी सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ अपना रोष जाहिर करते हुए कहा कि किसानों को इस काले कानून से बहुत हानि हुई। उन्होंने दावा किया कि इन कानूनों के बुरे प्रभाव दिखने लगे है, साथ ही कांट्रेक्ट फार्मिग के नाम पर लूट का धंधा चल रहा है।
अजय सिंह ने कहा कि इन काले कानूनों के खिलाफ मध्य प्रदेश के अलावा देश के कई राज्यों से शिकायतें सामने आ रही है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष सिंह ने एक बयान जारी कर आरोप लगाया है कि केंद्र द्वारा घोषित तीन काले कानूनों के दुष्परिणाम सामने दिखने लगे हैं जैसी कि आशंका थी, कांट्रेक्ट फार्मिग के चलते मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तरप्रदेश आदि राज्यों में किसानों से करोड़ों रुपये ठग लिए गए। 
शिकायत करने गए किसानों से पुलिस ने साफ कह दिया कि एफआईआर नहीं हो सकती, क्योंकि यह पार्टनरों का आपसी विवाद है। इस तरह कांट्रेक्ट फार्मिग का झांसा देने वाली कंपनियों को क्लीन चिट मिल गई। तीन नए कृषि कानूनों में कांट्रेक्ट फार्मिग भी एक है। इन कानूनों को समाप्त करने के लिए देश भर के किसान दिल्ली में एक साल से आंदोलन कर रहे हैं।
अजय सिंह ने आगे कहा कि कंपनियों ने किसानों को सब्जबाग दिखाकर कहा कि आपकी कृषि भूमि पर मछली पालने के लिए तालाब बना कर देंगे। ये तालाब आधा और एक एकड़ जमीन पर बनाए जाएंगे। फिशरीज फार्मिग में आधा एकड़ जमीन पर साढ़े पांच लाख निवेश पर 19 महीने तक 60 हजार रुपए देने का वायदा था, इसी तरह एक एकड़ के लिए 11 लाख निवेश पर 18 महीने तक हर माह सवा लाख रुपये देने का वायदा था। 
किसानों का विश्वास जीतने के लिए उन्हें पोस्ट डेटेड चेक और फर्जी एफडीआर बनाकर दिए गए। सैकड़ों किसानों ने झांसे में आकर उनसे कांट्रेक्ट कर लिए और देखते ही देखते कंपनियों ने उनसे करोड़ों रुपये ठग लिए। कांट्रेक्ट के मुताबिक न तो तालाब बनाए गए, न तो मछली बीज दिया गया और न ही तकनीकी सलाह दी गई। इतना ही नहीं, सभी चेक बाउंस हो गए।
सिंह ने कहा कि अकेले मध्यप्रदेश के कुछ जिलों से प्रथम दृष्टया जो तस्वीर आई है, उसमें दोगुनी कमाई का लालच देकर 12 सौ से ज्यादा किसानों को चूना लगाया गया है। ये किसान भोपाल, विदिशा, सीहोर, होशंगाबाद और रायसेन जिलों के हैं। प्रदेश के अन्य जिलों की तस्वीर आना अभी बाकी है। किसानों ने जमीन रहन रखकर, गहने बेचकर और अपनी जमा पूंजी से निवेश किया है। 
इनसे हरियाणा की फिश फार्चून प्रोड्यूज कंपनी और भोपाल स्थित एडीसी इंडिया फिशरी कंपनी ने रूबी, गोल्ड, सिल्वर जैसे पैकेज देकर पैसे जमा कराए। यह कहा गया कि ये राशि दोगुनी करके कम्पनी वापस लौटाएगी, राजस्थान के कोटा और उत्तर प्रदेश के झांसी में भी किसानों ने धोखाधड़ी की शिकायतें की हैं।
अजय सिंह ने केंद्र सरकार विशेषकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सभी प्रदेशों में इस तरह के मामलों पर कार्यवाही करने के लिए एक विशेष जांच दल गठित करने की मांग की है। उन्होंने किसानों से ठगी के मामलों को देखते हुए कहा कि अभी भी समय है कि तीनों कृषि कानूनों को तत्काल निरस्त किया जाए, ताकि भविष्य की अनहोनी से बचा जा सके। साथ ही देश के किसान निश्चिंत होकर अपने हिसाब से अपनी खेती किसानी के काम कर सकें।

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