राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार को कहा कि पुणे के ‘सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया’ परिसर में आग लगने की घटना एक ‘‘हादसा थी और वहां काम करने वाले वैज्ञानिकों की ईमानदारी पर जरा भी कोई संदेह नहीं है।’’ लापरवाही के कारण आग लगने के आरोपों के बारे में पत्रकारों ने उनसे सवाल किया था।
पुणे स्थित ‘सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया’ के मंजरी परिसर की 5 मंजिला निर्माणाधीन इमारत में गुरुवार को आग लगने से 5 लोगों की मौत हो गई। कोविड-19 के राष्ट्रव्यापी टीकाकरण कार्यक्रम के लिए ‘कोविशील्ड’ टीके का उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मंजरी केंद्र में ही किया जा रहा है। जिस इमारत में आग लगी वह कोविशील्ड उत्पादन इकाई से एक किलोमीटर दूर है। आग लगने के कारणों की जांच जारी है।
लापरवाही के कारण आग लगने के आरोपों पर पूछे जाने पर पवार ने कहा,‘‘इस बारे में बात करने का यह सही समय नहीं है। लेकिन हमें, सीरम इंस्टीट्यूट में काम करने वाले विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों की ईमानदारी पर जरा भी कोई संदेह नहीं है।’’ कुछ लोगों के टीका लगवाने में संकोच करने के सवाल पर राकांपा प्रमुख ने कहा कि एसआईआई एक विश्व प्रसिद्ध संस्थान है और विशेषज्ञों ने उनके कोविड-19 के टीके की वकालत की है।