कोविड-19 के ज्यादा संक्रामक स्वरूप एक्सई का पहला मामला मुंबई में सामने आया है। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बाद में बताया कि रोग से उबर चुकी दक्षिण अफ्रीका निवासी महिला रोगी का डेटा आगे की पुष्टि के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल जीनोमिक्स (एनआईबीजीएम) भेजा जाएगा।
दक्षिण अफ्रीका से आई महिला में ओमीक्रोन के इस उप स्वरूप के संक्रमण की पुष्टि हुई
अधिकारी ने बताया कि फरवरी में दक्षिण अफ्रीका से यहां आई इस महिला में ओमीक्रोन के इस उप स्वरूप के संक्रमण की पुष्टि हुई। महिला में किसी तरह के लक्षण नहीं थे और वह ठीक हो चुकी है।
उन्होंने बताया कि सीरो सर्वेक्षण के दौरान कोरोना वायरस के कप्पा स्वरूप के एक मामले की भी पुष्टि हुई है। उन्होंने कहा कि जीनोम अनुक्रमण प्रयोगशाला में 11वें बैच के 376 नमूनों के अनुक्रमण में इस परिणाम का पता चला। कप्पा स्वरूप के मामले मुंबई में पहले भी आए थे।
नए स्वरूप से संक्रमित मरीज की हालत गंभीर नहीं
सीरो सर्वेक्षण के मुताबिक मुंबई से भेजे गए 230 नमूनों में 228 ओमीक्रोन के जबकि एक कप्पा का तथा एक एक्सई स्वरूप का था। अधिकारी ने कहा कि नए स्वरूप से संक्रमित मरीज की हालत गंभीर नहीं थी।
मुंबई में मंगलवार को कोविड-19 के 56 नए मामले आने से संक्रमितों की संख्या 10,58,185 हो गई। पिछले 24 घंटे में संक्रमण से किसी की मौत नहीं हुई और मृतक संख्या 19,559 बनी हुई है। अब तक 10,38,356 लोग ठीक हो चुके हैं जबकि 270 उपचाराधीन मामले हैं।
एक्सई स्वरूप ओमीक्रोन के उप स्वरूप बीए.2 से 10 गुणा अधिक संक्रामक है - बीएमसी
बीएमसी के अधिकारी ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि एक्सई स्वरूप ओमीक्रोन के उप स्वरूप बीए.2 से 10 गुणा अधिक संक्रामक है। अब तक कोविड-19 के सभी स्वरूपों में बीए.2 को सबसे ज्यादा संक्रामक माना जाता रहा है।
ओमीक्रोन के स्वरूप, बीए.1 और बीए.2 में बदलाव से यह एक्सई स्वरूप बना है। प्रारंभिक अध्ययन के मुताबिक बीए.2 के मुकाबले एक्सई की वृद्धि दर 9.8 प्रतिशत है। जांच के दौरान इसकी पहचान भी मुश्किल होती है इसलिए इसे ‘स्टील्थ वेरियंट’ कहा जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि बदलाव के बाद बना यह स्वरूप पूर्व के स्वरूपों की तुलना में ज्यादा संक्रामक हो सकता है।
आगमन के तीन सप्ताह बाद संक्रमण की पुष्टि हुई - बीएमसी
बीएमसी की कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी मंगला गोमरे ने बताया कि एक्सई स्वरूप से संक्रमित पाई गई महिला दक्षिण अफ्रीका से आई थी और आगमन के तीन सप्ताह बाद संक्रमण की पुष्टि हुई। गोमरे ने कहा, ‘‘महिला में किसी तरह के लक्षण नहीं थे और अगले दिन जांच में संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई।’’
यह महिला कास्टयूम डिजाइनर थी जो एक फिल्म की शूटिंग के दल का हिस्सा थी। वह 10 फरवरी 2022 को दक्षिण अफ्रीका से आई थी।
अधिकारी ने कहा कि महिला ने इससे पूर्व किसी अन्य जगह की यात्रा नहीं की थी और ‘कोमिरनेटी’ टीके की दोनों खुराकें ले रखी थी। भारत आने पर नियमित जांच के दौरान दो मार्च को वह संक्रमित पाई गई थी। महिला को उस दौरान एक होटल में पृथक-वास में रखा गया है।
यह पूछे जाने पर कि क्या भारत में एक्सई स्वरूप का यह पहला मामला है, बीएमसी अधिकारियों ने कहा कि वे इसकी पुष्टि नहीं कर सकते।