आंध्र प्रदेश में कोरोना वायरस (कोविड-19) से पहली मौत का मामला सामने आया है। विजयवाड़ा में कोरोना से संक्रमित 55 वर्षीय एक व्यक्ति ने शुक्रवार को इलाज के दौरानदम तोड़ दिया। राज्य में कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या 161 पहुंच गई है, जिसमें से तीन स्वस्थ होकर घर जा चुके है। जानकारी के मुताबिक मृतक व्यक्ति दिल्ली में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल होकर लौटे बेटे के संपर्क में आया था।
राज्य के नोडल अधिकारी अरजा श्रीकांत ने एक वक्तव्य जारी कर कहा, “व्यक्ति 30 मार्च को पूर्वाह्न साढ़े ग्यारह बजे स्वास्थ्य जांच कराने के लिए सरकारी अस्पताल आया था। उसके खून के नमूने जांच के लिए भेजे गये थे, इसी बीच साढ़े बारह बजे के आसपास उसकी मौत हो गई थी।” उन्होंने बताया कि व्यक्ति हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और हार्ट की बीमारी से ग्रस्त था।
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उन्होंने कहा, “व्यक्ति अन्य बीमारियों से भी ग्रसित था जिसके चलते यह पता लगाने में देर हुई कि उसकी मौत कोरोना वायरस से हुई थी या नहीं।” व्यक्ति के बेटे मेंकोरोना संक्रमण की पुष्टि 31 मार्च को हुई थी और उसे पृथक रखा गया था। श्रीकांत ने कहा, “हमने 29 अन्य ऐसे लोगों की पहचान की है जो मृतक के बेटे के संपर्क में आए थे और उन्हें भी पृथक रखा गया है।”
इसी बीच उप मुख्यमंत्री (स्वास्थ्य) ए ए के श्रीनिवास ने कहा कि आंध्र प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमित 161 में से 140 व्यक्ति तबलीगी जमात के जलसे में शामिल हुए थे। मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी के साथ एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक के बाद श्रीनिवास ने संवाददाताओं से कहा, “जमात के कार्यक्रम में शामिल होने वाले 881 व्यक्तियों के खून की जांच में 108 व्यक्तियों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई।
अन्य 65 लोगों के नमूनों की जांच के नतीजे अभी आने बाकी हैं।” इसके अलावा उनके संपर्क में आए 32 लोगों में भी कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल होने वाले आंध्र प्रदेश के 1,085 व्यक्तियों में से 946 वापस लौट आए हैं जबकि 139 अभी भी बाहर हैं। उन्होंने बताया कि 946 लोगों में से 881 व्यक्तियों का ही पता लगाया जा सका है।