गोवा की भाजपा नीत नई सरकार गठित होने के एक दिन बाद बुधवार को यानि आज राज्य विधानसभा में उसका शक्ति परीक्षण होगा। एक अधिकारी ने बताया कि राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने शक्ति परीक्षण सम्पन्न कराने के लिए पूर्वाह्न साढ़े ग्यारह बजे विधानसभा का विशेष सत्र आहूत किया है। सदन में मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत अपनी सरकार का बहुमत साबित करेंगे।
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार ने बुधवार को सदन में शक्ति परीक्षण करवाने के लिए कहा है ताकि वह अपना बहुमत साबित कर सके। इस तटवर्ती राज्य में भाजपा नीत सरकार ने 21 विधायकों का समर्थन होने का दावा किया है। इनमें भाजपा के 12 तथा सहयोगी दल गोवा फारवर्ड पार्टी (जीएफपी) एवं महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के तीन -तीन तथा तीन निर्दलीय विधायक शामिल हैं।
गोवा की 40 सदस्यीय विधानसभा की वास्तविक संख्या घटकर 36 रह गयी है क्योंकि मनोहर पर्रिकर एवं भाजपा विधायक फ्रांसिस डिसूजा का निधन हो गया तथा कांग्रेस के दो विधायक सुभाष शिरोडकर एवं दयानन्द सोप्ते ने त्यागपत्र दे दिया था। गोवा में कांग्रेस 14 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है जबकि राकांपा का भी एक विधायक है।
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प्रमोद सावंत (45 वर्ष) को सोमवार काफी देर रात में 11 मंत्रियों के साथ शपथ दिलवाई गई थी। उन्होंने पर्रिकर का स्थान लिया है जिनका अग्नाशय कैंसर के कारण रविवार को निधन हो गया था। उन्होंने कहा कि पर्रिकर द्वारा शुरू की गयी परियोजनाओं को पूरा करना उनकी प्राथमिकता है।
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार मीरामार तट पर पर्रिकर के नाम से उस स्थान पर स्मारक बनवाएगी जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया था। सावंत ने यह उम्मीद व्यक्त कि कि भाजपा नीत गठबंधन एकजुट रहेगा तथा भाजपा के सहयोगी उनको समर्थन दे रहे हैं। उन्होंने कहा, ”मैं यह सुनिश्चित करने की चेष्टा करूंगा कि गठबंधन एकजुट रहे। मैं लोगों के साथ उसी तरह से बर्ताव करूंगा जिस तरह पर्रिकर करते थे।”
प्रमोद सावंत ने कहा कि उनके साथ जिन मंत्रियों को शपथ दिलवाई गयी है, उन्हें विभागों का आवंटन शीघ्र किया जाएगा। सावंत को मंगलवार रात दो बजे से कुछ पहले गोवा के नये मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलवाई गई थी। इससे पहले भाजपा और उसके सहयोगी दलों के बीच सरकार गठन को लेकर बातचीत का लम्बा दौर चला था। राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने जिन 11 मंत्रियों को शपथ दिलवाई उनमें भाजपा के सहयोगी एमजीपी एवं जीएफपी के विधायक शामिल हैं।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि सहयोगियों के साथ सत्ता समझौते को लेकर बनी समझ के तहत समर्थन देने वाले दोनों छोटे दलों के एक-एक विधायक को उप मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। वे हैं जीएफपी प्रमुख विजय सरदेसाई तथा एमजीपी विधायक सुदिन धावलिकर। शपथ ग्रहण समारोह को कई बार टाले जाने के बाद सावंत ने अंतत: मंगलवार रात एक बजकर 50 मिनट पर राजभवन में शपथ ली।
प्रमोद सावंत उत्तरी गोवा के संखालिम से विधायक है। पर्रिकर के निधन के बाद राज्य में सत्ता भाजपा के पास ही बरकरार रहे, यह सुनिश्चित करने के लिए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह एवं केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पर्दे के पीछे काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। इससे जुड़े घटनाक्रमों से अवगत सूत्रों ने यह जानकारी दी।
पार्टी सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि सरकार गठन को लेकर जारी गतिरोध दोनों वरिष्ठ नेताओं द्वारा चतुराई से स्थितियों से निबटने के कारण दूर हुआ। सहयोगी दलों द्वारा अपनी मांगों पर अड़े होने के कारण यह गतिरोध बना था। राज्य विधानसभा के 2017 में हुए चुनाव के बाद भी जब भाजपा को बहुमत नहीं मिला था तो गडकरी यहां आए थे। उन्होंने छोटे दलों से बातचीत कर उन्हें मनाया और समर्थन देने के लिए राजी करवाया। इसके बाद ही पर्रिकर के नेतृत्व में भाजपा नीत गठबंधन सरकार बनी थी।