टीआरपी (टेलीविजन रेटिंग प्वांइट) घोटाला मामले में मुंबई पुलिस ने 4वीं गिरफ्तारी की है। पुलिस ने गुरुवार को ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) के पूर्व मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने बताया कि टीआरपी मामले की जांच कर रही मुंबई अपराध शाखा की टीम ने बार्क के पूर्व सीओओ रोमिल रामगढ़िया को दोपहर को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘जांच के दौरान, मामले में रागगढ़िया की कथित संलिप्तता का पता चला, जिसके बाद उन्हें आज गिरफ्तार कर लिया गया।’’ उन्होंने बताया कि रामगढ़िया को एक स्थानीय अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा। पुलिस ने रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के सीईओ विकास खानचंदानी को टीआरपी घोटाले के सिलसिले में रविवार को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि एक अदालत ने बुधवार को उनकी जमानत मंजूर कर ली।
गौरतलब है कि बार्क द्वारा हंसा रिसर्च एजेंसी के माध्यम से कुछ चैनलों के खिलाफ टीआरपी में धांधली करने की शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद पुलिस ने इस कथित घोटाले की जांच शुरू की थी। कुछ घरों में मशीनों के जरिए दर्शकों की संख्या का पता लगाकर टीआरपी मापी जाती है।
यह रेटिंग विज्ञापन आकर्षित करने के लिए अहम होती है। बार्क ने कुछ घरों में टीवी के दर्शकों की संख्या रिकॉर्ड करने वाले बैरोमीटर लगाने और उनकी देख-रेख करने का जिम्मा हंसा को दिया था। आरोप है कि जिन कुछ घरों में बैरोमीटर लगाए गए थे, उनमें से कुछ परिवारों को रिश्वत देकर टीवी पर कुछ विशेष चैनल चलाने के लिए कहा गया, ताकि उनकी टीआरपी बढ़ सके।