देहरादून : स्वतंत्रता संग्राम सेनानी औरटिहरी गढ़वाल के पूर्व सांसद परिपूर्णानंद पैन्यूली का निधन हो गया है। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। शुक्रवार को अचानक तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने शनिवार को दम तोड़ दिया। परिपूर्णानंद पैन्युली 96 साल की उम्र में गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे।
शुक्रवार रात अचानक उनकी तबीयत और ज्यादा बिगड़ गई। जिसपर पड़ोसी गोपाल और उनकी देखरेख कर रहे युवक ने उन्हें ओएनजीसी अस्पताल में ले गए, यहां उनका इलाज चल रहा था। लेकिन शनिवार दोपहर उनका निधन हो गया। दिल्ली से उनकी बेटी विजय दून पहुंच गई हैं। वर्तमान में पैन्युली बल्लूपुर के निकट निवास कर रहे थे।
वहीं, परिजनों ने बताया कि राविवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। परिपूर्णानंद पैन्युली की आजादी के आंदोलन और टिहरी रियासत को आजाद भारत में विलय कराने में उनकी अहम भूमिका रही। वह हमेशा भ्रष्टाचार के खिलाफ रहे। वे टिहरी रियासत के राजा रहे मानवेंद्र शाह को हराकर वह 1971 में सांसद बने थे।
समाज सेवा और स्वाधीनता आंदोलन के लिए परिवार रहा समर्पित
परिपूर्णानंद पैन्यूली का जन्म 19 नवंबर 1924 में टिहरी शहर के निकट छौल गांव में हुआ था। उनके दादा राघवानन्द पैन्यूली टिहरी रियासत के दीवान थे और पिता कृष्णानंद पैन्युली जूनियर इंजीनियर थे। उनकी माता एकादशी देवी के साथ ही पूरा परिवार समाज सेवा और स्वाधीनता आंदोलन के लिए समर्पित रहा। उनकी पत्नी स्व. कुंतीरानी पैन्युली शिक्षिका थीं। उनकी चार बेटियां हैं, जिनमें से एक इंदिरा अमेरिका में रहती हैं, दूसरी पुत्री शिक्षिका हैं और अन्य दो बेटियां विजयश्री और तृप्ति दिल्ली में रहती हैं।