मुंबई : मराठा आरक्षण आंदोलन की पृष्ठभूमि में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि आरक्षण से सार्वजनिक क्षेत्र में नौकरी की गारंटी नहीं मिलेगी क्योंकि नौकरियां कम हो रही हैं। अब इस पर कांग्रेस ने आज कहा है कि यह टिप्पणी उसके इस दावे की तस्दीक करती है कि मोदी सरकार रोजगार सृजन करने में नाकाम रही है। महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा कि 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने रोजगार सृजन का वादा किया था लेकिन नौकरियां हैं कहां?
चव्हाण ने ट्विटर पर पूछा, ‘‘रोजगार सृजन के मोर्चे पर मोदी सरकार की विफलता के बारे में जो कुछ हम बीते चार वर्षों से कहते रहे हैं अब उसका समर्थन नितिन गडकरी ने भी कर दिया। मोदीजी देश जानना चाहता है कि जिन नौकरियों का आपने वादा किया था, वह कहां हैं।’’ शनिवार को औरंगाबाद में संवाददाताओं से बातचीत में गडकरी ने मराठा आंदोलन और महाराष्ट्र में अन्य समुदायों की ओर से आरक्षण की मांग उठने के बारे में कहा, ‘‘चलिए मान लें कि आरक्षण दे दिया गया। लेकिन नौकरियां नहीं हैं। क्योंकि बैंकों में सूचना प्रौद्योगिकी के कारण नौकरियां कम हो गयी हैं। सरकारी भर्तियां रूकी हुई हैं। नौकरियां कहां हैं? ’’
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गडकरी की टिप्पणी पर चुटकी लेते हुए कहा था, ‘‘बढि़या सवाल गडकरी जी। हर भारतीय यही सवाल पूछ रहा है।’’ मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरूपम ने मराठा आरक्षण मुद्दे पर राज्य और केंद्र में भाजपा नीत राजग सरकार पर हमला किया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री गडकरी का बयान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के आश्वासन के उलट है जिसमें उन्होंने कहा है इस साल नवंबर के अंत तक मराठा आरक्षण को लेकर संवैधानिक दायित्वों को पूरा कर लिया जाएगा।
निरूपम ने आज एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘एक तरफ फडणवीस घोषणा कर रहे हैं कि नवंबर अंत तक सभी संवैधानिक दायित्वों को पूरा कर लिया जाएगा जबकि दूसरी तरफ भाजपा के केंद्रीय मंत्री (गडकरी) इस समूचे विचार के औचित्य पर सवाल उठा रहे।’’ उन्होंने सवाल किया, ‘‘भाजपा ने 2014 के चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में हर साल दो करोड़ रोजगार सृजन का वादा किया था। ऐसे वक्त जब करीब 30,000 युवा हर दिन रोजगार बाजार में शामिल हो रहे हैं, सरकार उनमें से केवल 450 को नौकरी दे रही। बाकी युवा कहां जाएंगे ? सरकार नौकरी तलाश रहे लोगों को क्या विकल्प मुहैया कराएगी।’’