गुजरात में गुरूवार को अनंत चतुर्दशी के मौके पर गणपति बप्पा की प्रतिमाओं की विदाई और विसर्जन किया जा रहा है। राज्यभर के घर-घर में गणेश चतुर्थी यानी विघ्नहर्ता भगवान गणेश जी के जन्म दिवस का दो सितंबर सोमवार से शुरू हुए दस दिवसीय पर्यावरण अनुकूल गणेश महोत्सव का आज समापन हो गया।
गुरुवार की सुबह से ही भक्तगणों ने छोटे, बड़े पंडाल में आरती, महाआरती, भजन और कीर्तन करते हुए छोटी-बडी गणेशजी की प्रतिमाओं का विसर्जन किया। प्रदेश में कई जगहों पर गणेशोत्सव के डेढ दिन, तीन दिन, पांच दिन, सात दिन, दस दिन में बप्पा का विसर्जन किया गया।
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आज ज्ञारहवें दिन अनंत चतुर्दशी पर मोरया मोरया मोरया रे बप्पा मोरया रे, ‘‘गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ‘‘ के उदघोष के साथ बैंड-बाजे, ढोल-नगाडे और डीजे की धुन पर नाचते-गाते अबीर गुलाल उडाते श्रद्धालु इको फ्रेंडली गजानन की प्रतिमाओं का नदी, तालाब, सरोवर, समुद, और अपने-अपने घरों में कुंड बनाकर विसर्जन कर रहे हैं।
राज्य के भुज, गांधीधाम, जूनागढ, जामनगर, राजकोट, महेसाणा, पालनपुर, अहमदाबाद, आणंद, नडियाद, दाहोद, गोधरा, वडोदरा, सूरत सहित सभी शहरों में नगर निगमों और फायर ब्रिगेड ने गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए व्यापक बंदोबस्त किए हैं। अग्निशमन विभाग और पुलिस के अनुसार राज्यभर में गणेश मूर्तियों का विसर्जन हर्षोल्लास के साथ शांतिपूर्वक हो रहा है। अभी तक कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।