गोड्डा जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के रानीडीह पंचायत में, फूदन टोला स्थित महर्षि मेंही संतसेवी आश्रम में सोमवार एवं मंगलवार की मध्य रात्रि को पांच लोगों ने प्रवचन के लिए बाहर से आयी एक युवा साध्वी के साथ कथित रूप से सामूहिक दुष्कर्म किया । घटना से व्यथित साध्वी ने जीवन त्यागने की बात कही है।
गोड्डा के पुलिस अधीक्षक वाई एस रमेश ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है और इस सिलसिले में कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है लेकिन मुख्य आरोपी फरार है। पीड़िता साध्वी ने मीडिया को बताया कि बीती रात लगभग ढाई बजे आश्रम की दीवार को फांद कर आरोपियों ने आश्रम में प्रवेश किया। आश्रम में उस समय एक पुरुष साधू और चार महिलाएं थीं।
साध्वी ने बताया कि इन लोगों ने सभी के साथ मारपीट की और हथियार के बल पर सभी को अलग-अलग कमरे में बंद कर दिया और उसके बाद साध्वी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। व्यथित साध्वी ने कहा, ‘‘इस तरह के कुकृत्य के बाद अब मेरे जीने का कोई अर्थ ही नहीं रह गया है।’’
आश्रम में मौजूद पंकज बाबा ने बताया कि रात के वक्त आरोपियों ने जब आश्रम में प्रवेश किया तो उनके साथ आये पथवाड़ा के रहने वाले दीपक राणा को वह पहले से जानते थे। उन्होंने उससे सबको छोड़ देने की विनती की लेकिन किसी ने कुछ नहीं सुना और सभी को बम से उड़ा देने की धमकी दी।
बाबा ने बताया कि बंद कमरे से ही उन्होंने पड़ोस के लोगों को मोबाइल से सूचना दी लेकिन जब तक लोग वहां पहुंचते तब तक अपराधी घटना को अंजाम देकर वहां से फरार हो चुके थे। बाबा ने बताया कि साध्वी फरवरी माह में प्रवचन के लिए आश्रम आईं थीं लेकिन लॉकडाउन के कारण वह कहीं अन्यत्र जा नहीं सकीं।
पुलिस अधीक्षक वाईएस रमेश ने कहा कि पीड़िता को चिकित्सकीय जांच के लिए भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि अपराधियों की धरपकड़ के लिए एक टीम का गठन किया गया है और साथ ही कुछ संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है लेकिन अभी नामजद मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
पुलिस प्रशासन ने पीड़िता को आश्वस्त किया है कि अपराधियों को शीघ्र पकड़ लिया जायेगा। भाजपा ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि हेमंत सोरेन की सरकार में कानून नाम की कोई चीज ही नहीं रह गयी है और साधू सन्तों का तो यहां रहना ही मुहाल हो गया है।
भाजपा के सह मीडिया प्रभारी रमेश पुष्कर ने कहा, ‘‘सोमवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत् प्रकाश नड्डा ने स्वयं कहा था कि झारखंड में कानून व्यवस्था की स्थिति बुरी तरह चरमरा गयी है और आज ही यह एक बार फिर साबित हो गया है।’