जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि ‘नमामि गंगे’ कार्यक्रम के तहत गंगा नदी को निर्मल और अविरल बनाने की दिशा में तेजी से काम चल रहा है और उन्हें उम्मीद है कि आगामी मार्च तक 80 फीसदी और अगले मार्च तक गंगा पूरी तरह से निर्मल हो जाएगी।
श्री गडकरी ने उत्तर प्रदेश के कानपुर में गंगा में गिरने वाली गंदगी को रोकने के लिए ‘वन सिटी-वन ऑपरेटर’ योजना के तहत शुक्रवार को यहां हुए एक समझौते के मौके पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि गंगा की सफाई से जुड़ सभी परियोजनाओं के लिए दिसम्बर तक निविदाएं आमंत्रित कर ली जाएंगी और दावा किया कि मार्च तक गंगा 70 से 80 फीसदी तक निर्मल हो जाएगी उन्होंने कहा कि गंगा का निर्मल और अविरल बनाने का सपना पूरा होने की कगार पर है।
यह असंभव सा दिखने वाला काम था लेकिन जिस गति से इस दिशा में काम चल रहा है उसे देखते हुए उन्हें पूरा भरोसा है कि गंगा मार्च तक तीन चौथाई से ज्यादा साफ दिखने लगेगी। उन्होंने कहा कि गंगा के तट पर बसे 4500 गांवों को खुले में शौच करने से मुक्त घोषित किया गया है। श्री गडकरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में गंगा सफाई से जुड़ 10 हजार करोड़ रुपए की लागत वाली 73 परियोजनाओं पर काम चल रहा है जिनमें से 13 परियोजनाओं पर काम पूरा हो चुका है।
सरकार गंगा को निर्मल ही नहीं अविरल भी बना रही है और इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी गयी है और अगले साल मई तक गंगा अपेक्षा के अनुकूल निर्मल नजर आना शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि गंगा के साथ ही यमुना की सफाई का भी काम चल रहा है और आगामी 27 दिसम्बर को यमुना की निर्मलता को लेकर यहां विज्ञान भवन में एक बड़ कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है जिसमें दिल्ली सरकार भी शामिल होगी। यमुना की सफाई के लिए 3500-4000 करोड़ रुपये की लागत की 11 परियोजनाएं शुरू की जाएंगी।