बेंगलुरू : तेज़तर्रार लेखक और विचारक गौरी लंकेश की 5 सितंबर को उनके राजा राजेश्वरी नगर के घर पर गोली मारकर हत्या कर दी गई। एसआईटी ने इस हत्याकांड की गुत्थी लगभग सुलझा ली है और जल्द ही इस मामले की जांच कर रही एसआईटी फाइल बंद करने वाली है। कर्नाटक के गृहमंत्री जी परमेश्वर के दावों से तो ऐसा लग रहा है। वही एसआईटी ने 2 और आरोपियों को हुबली से गिरफ्तार किया है और अब तक इस मामले में 9 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
गौरी लंकेश हत्याकांड की जांच कर रही एसआईटी के मुताबिक, परशुराम वाघमारे ने गौरी लंकेश को गोली मारी थी। नवीन कुमार ने असलहा मुहैया कराया था जबकि इस साजिश को अमोल काले ने रचा था। वहीं मोहन नायक ने बेंगलुरु में इन सभी आरोपियों को अपना घर रहने को दिया और दूसरी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई। हालांकि हुबली से गिरफ्तार 2 और आरोपियों की इस हत्याकांड में क्या भूमिका थी ये अभी साफ़ होना बाकी है।
कर्नाटक के गृहमंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि गौरी लंकेश हत्याकांड की जांच के बारे में बहुत कुछ नहीं बता सकता, लेकिन एक और शख्स की गिरफ्तारी के बाद हम ये ज़रूर बता सकते हैं कि जानकारी मिलेगी और जल्द ही केस बंद किया जा सकेगा।
आपको बता दें कि 5 सितंबर को गौरी लंकेश की हत्या उनके राजा राजेश्वरी नगर के घर पर रात में गोली मारकर की गई थी। एक आईजी स्तर के अधिकारी की देखरेख में जांच चल रही है और अबतक एसआईटी ने कुल 9 आरोपियों को पकड़ा है। वैसे हिन्दू संगठनों के वकील पहले ही कह चुके है कि पुलिस की थ्योरी पहले भी अदालत में नही टिकी है।
हिन्दू संगठनों के वकील इंग्लिश डब्लू वीरेंद्र ने कहा कि पिछले 10 सालों से मैं देख रहा हूं। पुलिस मीडिया को जानकारी लीक करती है फिर हंगामा मचता है लेकिन अदालत में ये सब टिकता नहीं है। एसआईटी ने इस मामले में तक़रीबन एक लाख फ़ोन कॉल्स की जांच के साथ साथ तीन राज्यों में हुई जांच के बाद 9 आरोपियों को गिरफ़्तार किया है। हालांकि एसआईटी ने अबतक सिर्फ नवीन कुमार के ख़िलाफ़ ही चार्जशीट दाख़िल की है।