पश्चिम बंगाल के भाजपा प्रमुख दिलीप घोष मंगलवार को चुनाव अभियान में शामिल होने के लिेए दार्जिलिंग पहुंचे थे, लेकिन उन्हें वहां पर गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के समर्थकों के आक्रोश का सामना करना पड़ा और उन्हें काले झंडे दिखाकर वापिस जाने को कहा गया। भाजपा की राज्य व्यापी ‘परिवर्तन यात्रा’ में शामिल होने पहुंचे घोष को जीजेएम के कार्यकर्ताओं ने घूम रेलवे स्टेशन के पास उनके काफिले के सामने उन्हें काले झंडे दिखाए। जीजेएम समर्थकों ने आरोप लगाया कि भाजपा लगातार दार्जिलिंग लोकसभा सीट से जीतती है, लेकिन विकास के मामले में केंद्र द्वारा इस इलाके की लगातार अनदेखी की गई। जीजेएम समर्थकों ने भाजपा नेता के खिलाफ ‘वापस जाओ’ के नारे भी लगाए।
वहीं, घोष ने दावा किया कि इस घटना के पीछे बिमल गुरुंग और तृणमूल कांग्रेस है क्योंकि पहाड़ों में भाजपा के बढ़ते समर्थन से वे चिंतित हैं। उन्होंने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल की यही स्थिति है, विपक्षी पार्टियों को उनका राजनीतिक कार्यक्रम करने नहीं दिया जाता। हम इस भय के माहौल को बदलना चाहते हैं।’’ उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 में भी इस इलाके की यात्रा के दौरान घोष एवं कुछ अन्य भाजपा नेताओं के साथ जीजेएम समर्थकों ने धक्का मुक्की और मारपीट की थी।