गोवा में अगले महीने यानी फरवरी में विधानसभा के लिए चुनाव होने हैं। इसको लेकर राज्य में सियासी सरगर्मी भी तेज हो गई है। पूर्व सीएम मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर ने चुनावों से ठीक पहले सत्ताधारी बीजेपी को लेकर बगावती रुख अख्तियार कर लिया है। बीजेपी विधायकों के इस्तीफे के बीच उत्पल के तेवर पार्टी के लिए परेशानियां खड़ी कर सकते हैं।
उत्पल पर्रिकर ने पणजी विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतने का मन बना लिया है। ऐसे में अगर उन्होंने बीजेपी से टिकट नहीं मिलता तो वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ सकते हैं। दरअसल, उत्पल पणजी सीट पर अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। ऐसे में बीजेपी के लिए मुश्किल यह है कि यहां से मौजूदा विधायक बाबूश मोनशेराट टिकट कैसे काटे। बाबूश लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हैं साथी ही उनका दबदबा भी अच्छा बताया जाता है।
उत्पल को पणजी सीट देकर BJP के लिए खड़ी हो सकती हैं मुसीबत
उत्पल ने अपने पिता मनोहर पर्रिकर की सीट से पणजी में घर घर जाकर प्रचार करना भी शुरू कर दिया है। 2019 में मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद बीजेपी ने इस सीट से सिद्धार्थ श्रीपाद कुंकलिएन्कर को टिकट दिया था। हालांकि, इस चुनाव में कांग्रेस के बाबुश मोनसेरेट ने जीत हासिल की और बीजेपी से सीट छीन ली।
लेकिन, साल 2019 में बाबुश समेत कांग्रेस के 10 विधायक बीजेपी के खेमे में आ गए। इतना ही नहीं बाबुश की पत्नी जेनिफर को सरकार में अहम राजस्व विभाग दिया गया था। ऐसे में बाबुश इस सीट से मोह खत्म नहीं कर पा रहे और उत्पल भी इसी सीट से चुनावी मैदान में उतरना चाहते हैं।
लेकिन बीजेपी को डर है कि कहीं बाबुश से यह सीट उत्पल को दी गई, तो पार्टी के लिए मुसीबत बन सकती है।दरअसल, बाबुश पणजी से विधायक हैं। उनकी पत्नी तालेगांव से विधायक हैं। उनके बेटे पणजी के मेयर हैं। इतना ही नहीं बाबुश का असर आसपास की 5-6 विधानसभा सीटों पर हैं।
उत्पल ने BJP के खिलाफ खड़े किए सवाल
वहीं उत्पल पर्रिकर ने बीजेपी से सवाल करते हुए कहा कि पार्टी ईमानदारी और चरित्र में विश्वास करती है या नहीं? उत्पल ने पूछा है आपराधिक गतिविधियों में लिप्त व्यक्ति को चुनाव लड़ाना चाहती है। मनोहर पर्रिकर के साथ काम करने वाले सभी बड़े नेता और कार्यकर्ता आज मेरे साथ हैं।