महाराष्ट्र के बाद पड़ोसी राज्य गोवा में कांग्रेस संकट में नजर आ रही है। कांग्रेस का कहना है कि 5 विधायकों से उसका संपर्क नहीं हो पा रहा है। वहीं पार्टी ने अपने दो विधायकों- माइकल लोबो और पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत पर बीजेपी के साथ मिलकर पार्टी के खिलाफ ‘साजिश’ रचने का आरोप लगाया है।
लोबो ने दिया विद्रोह को जन्म
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस में गोवा संकट को दो नेताओं ने तैयार किया है, जो बीजेपी से आए हैं और अब घर वापसी करना चाहते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत को चुनाव परिणामों के बाद कांग्रेस में दरकिनार कर दिया गया था और पार्टी ने एक अन्य पूर्व बीजेपी नेता माइकल लोबो को विपक्ष के नेता के रूप में चुना, जिसने विद्रोह को जन्म दिया। अब कामत और लोबो दोनों ने कांग्रेस को झटका देने के लिए हाथ मिला लिया है।
कामत ने कांग्रेस से अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया, बीजेपी में शामिल हो गए और फिर 2005 में कांग्रेस में शामिल हो गए थे। प्रताप सिंह राणे, लुइजि़न्हो फलेरियो और अन्य वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी के बाद उन्हें 2007 में मुख्यमंत्री बनाया गया था। लोबो हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी से कांग्रेस में शामिल हुए थे। शुरू में विपक्ष के नेता के रूप में नियुक्त किए जाने के बाद, लोबो को पद से हटा दिया गया था।
कामत और लोबो ने रची कांग्रेस को तोड़ने की शाजिश
वयोवृद्ध कांग्रेस नेता दिनेश गुंडू राव ने आरोप लगाया है कि कामत और लोबो ने पार्टी को तोड़ने की साजिश रची है। इसके बाद कांग्रेस दोनों के खिलाफ कार्रवाई करने जा रही है। कांग्रेस गोवा में संकट से जूझ रही थी, जहां विधायक दल की बैठक में आधे विधायकों के नहीं आने के बाद उसकी इकाई को दलबदल के खतरे का सामना करना पड़ रहा है।
कांग्रेस ने पार्टी महासचिव मुकुल वासनिक को सदन की व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए भेजा है। पार्टी ने इस स्थिति के लिए पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत और माइकल लोबो को जिम्मेदार ठहराया है और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यह घटनाक्रम महाराष्ट्र में संकट के बाद आया है, जहां पार्टी ने मोहन प्रकाश को पार्टी आलाकमान को रिपोर्ट करने के लिए भेजा है।