उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की बागडोर संभालने के लिए इन दिनों पार्टी में गोलबंदी तेज हो गई है। अध्यक्ष की रेस में सांसद विधायक के अलावा संघ के नेताओं के नाम निकल कर सामने आ रहे हैं। हालांकि इस बारे में आरएसएस के नेताओं के साथ मंत्रणा के बाद ही कुछ निष्कर्ष निकलने की संभावना है।
संगठन के भीतर जो नाम चर्चाओं में हैं, उनमें संगठन के बड़े नेताओं के अलावा सांसद, मंत्री और विधायकों के नाम शामिल हैं। चूंकि 2022 के विधानसभा चुनाव वर्तमान में चुने गए प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में होने हैं, इस लिहाज से यह पद काफी महत्वपूर्ण हो गया है। पार्टी चाहती है कि नीचे से लेकर ऊपर तक रायशुमारी के बाद ही कोई निर्णय हो।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चुनाव को लेकर एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज चौहान पर्यवेक्षक और अर्जुन राम मेघवाल को सह पर्यवेक्षक बनाया गया है। इसके अलावा संगठन ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धे को पार्टी संगठन और संघ के बीच आम राय बनाने की जिम्मेदारी सौंपी है।
भाजपा की सूत्रों की मानें तो इस बार सांसद अजय भट्ट, बलराम पासी, पुष्कर धामी, इनके अलावा एक नाम राजेंद्र भंडारी का भी है, जो वर्तमान में पार्टी के प्रदेश महामंत्री हैं। आरएसएस के प्रचारक रहे भंडारी वर्तमान में काफी अहम भूमिका में हैं। अनुसूचित जाति के चेहरे के तौर पर अल्मोड़ा के सांसद अजय टम्टा का नाम की भी खूब चर्चा है। इसके अलावा त्रिवेंद्र सरकार में मंत्री धन सिंह का नाम खूब उछाला जा रहा है।
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क्षेत्रीय और जातीय समीकरणों पर भी पार्टी विचार कर रही है। इस कारण ठाकुर मुख्यमंत्री होने के नाते प्रदेश अध्यक्ष ब्राम्हण हो इसका भी ख्याल रखा जा रहा है। इसलिए कुमाऊं मंडल से वर्तमान अध्यक्ष व सांसद अजय भट्ट का नाम पहले स्थान पर है। सभी पार्टी पदाधिकारियों से खुद के समर्थन और कार्यकर्ताओं में गहरी पैठ का हवाला देकर नाम बढ़ाने में जुटे हैं।
चुनाव अधिकारी बलवंत सिंह भौर्याल ने बताया कि “प्रदेश अध्यक्ष का चयन 25 दिसंबर तक होने की संभावना है। इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है। हमारे पर्यवेक्षक जब यहां आ जाएंगे। उसके बाद पूरी रणनीति पर चर्चा होगी। इसके बाद घोषणा कर दी जाएगी।”