मसूरी : उत्तराखंड में वर्ष 2013 में आई प्राकृतिक आपदा घोटाले का जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर आ गया है। मसूरी के अधिवक्ता रमेश जायसवाल ने हाल ही में गठित लोकपाल भारत को पत्र देकर जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस प्राकृतिक आपदा में पांच हजार करोड़ से अधिक का घोटाला हुआ है। सीएजी कैग ने भी इसमें अनियमितता की बाद स्वीकारी है, जिससे मामले को गंभीरता से लिया जाना चाहिए व सीबीआई से जांच करवाई जानी चाहिए।
पत्रकारों को जानकारी देते हुए अधिवक्ता रमेश जायसवाल ने कहा कि उन्होंने उत्तराखंड आपदा में किस संस्था से कितने पैसे आये व कहां खर्च किेए गये इसकी पूरी जानकारी प्रदेश सरकार व केद्र सरकार के जिम्मेदार विभागों से मांगी थी, उसमें जो तथ्य सामने आये वह बड़े घोटाले की ओर इशारा करते हैं। जो पैसा आया उसके आंकडे़ उनके स्वयं के नहीं है बल्कि सूचना के अधिकार के तहत सरकारी विभागों से मांगे गये आंकड़े हैं।
उन्होंने कहा कि इस घोटाले की जांच के लिए उन्होंने प्रदेश सरकार, केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री सचिवाल भारत सरकार, सचिव गृहमंत्रालय भारत सरकार, निदेशक एबीडी विभाग पर्सनल एवं ट्रेनिंग वित्त मंत्रालय भारत सरकार, नीति आयोग भारत सरकार, एनडीआरएफ व एसडीआरएफ आदि से जानकारी मांगी व उसी के आधार पर सर्वोच्च न्यायालय में जनहित याचिका डाली थी जिस पर सर्वोच्च न्यायालय ने यह कह कर याचिका वापस कर दी कि वह पहले राज्य हाईकोर्ट में जायें।
उन्होंने इस मामले की सीबीआई जांच की भी मांग की, जिस पर गृह मंत्रालय ने निदेशक एडीबी पर्सनल एवं ट्रेनिंग को मामला भेजा जो वहीं पर ठप्प हो गया। अब यह मामला लोकपाल भारत को भेजा गया है ताकि इस बड़े घोटाले का पर्दाफाश हो सके।