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आदिवासीऔर अल्पसंख्यक युवाओं का विकास सरकार का लक्ष्य : रघुवर

काउंसिल के अध्यक्ष नीरज कांत, सीआईआई झारखंड के प्रमुख इंद्रनील घोष, अनुसूचित जाति, दलित समाज के उद्यमी एवं अन्य उपस्थित थे।

झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आज कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य आदिवासी, दलित, जनजाति और अल्पसंख्यक समुदाय के युवाओं का विकास करना है। श्री दास ने यहां भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की दूसरे आदिवासी विकास सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि जल, जंगल और जमीन के नाम पर आदिवासियों को बरसों गुमराह किया है। 
पिछले साढ़ चार साल में उनके विकास की मजबूत शुरुआत हुई। आदिवासी, दलित और अल्पसंख्यक समाज के युवाओं को राज्य सरकार विकसित समाज की श्रेणी में लाने के लिए कार्य कर रही है। ऐसे समुदाय के लोग भी भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में जाएं, चिकित्सक बनें, इंजीनियर बनें, जो चाहे बनें। जो आदिवासी युवा आईएस की तैयारी करना चाहते हैं, सरकार उन्हें एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करेगी। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योग लगाने वाले युवाओं को 50 प्रतिशत रियायती दर पर जमीन सरकार देगी। शेष 50 प्रतिशत राशि भी पांच साल में 10 किस्तों में उन्हें चुकाना होगा, जिसपर कोई ब्याज सरकार नहीं लेगी। उन्होंने कहा कि इन समुदायों के कल्याण के लिये सरकार आदिवासी वित्त निगम, पिछड़ वित्त निगम, अल्पसंख्यक वित्त निगम और अनुसूचित वित्त निगम को पांच-पांच करोड़ रुपये देगी।
 उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य आदिवासी, दलित, जनजाति और अल्पसंख्यक समुदाय के युवाओं का विकास करना है।
झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आज कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य आदिवासी, दलित, जनजाति और अल्पसंख्यक समुदाय के युवाओं का विकास करना है। 
श्री दास ने यहां भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की दूसरे आदिवासी विकास सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि जल, जंगल और जमीन के नाम पर आदिवासियों को बरसों गुमराह किया है। पिछले साढ़ चार साल में उनके विकास की मजबूत शुरुआत हुई। 
आदिवासी, दलित और अल्पसंख्यक समाज के युवाओं को राज्य सरकार विकसित समाज की श्रेणी में लाने के लिए कार्य कर रही है। ऐसे समुदाय के लोग भी भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में जाएं, चिकित्सक बनें, इंजीनियर बनें, जो चाहे बनें। जो आदिवासी युवा आईएस की तैयारी करना चाहते हैं, सरकार उन्हें एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करेगी। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योग लगाने वाले युवाओं को 50 प्रतिशत रियायती दर पर जमीन सरकार देगी। शेष 50 प्रतिशत राशि भी पांच साल में 10 किस्तों में उन्हें चुकाना होगा, जिसपर कोई ब्याज सरकार नहीं लेगी। उन्होंने कहा कि इन समुदायों के कल्याण के लिये सरकार आदिवासी वित्त निगम, पिछड़ वित्त निगम, अल्पसंख्यक वित्त निगम और अनुसूचित वित्त निगम को पांच-पांच करोड़ रुपये देगी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य आदिवासी, दलित, जनजाति और अल्पसंख्यक समुदाय के युवाओं का विकास करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भू संपदा, मानव संसाधन, 40 प्रतिशत खनिज, सरल सीधे लोग झारखंड के पास हैं। यहां संसाधन की कोई कमी नहीं, कोई कारण नहीं कि राज्य गरीब रहे। बस इन सब में समन्वय स्थापित कर कार्य करने की जरूरत है। आदिवासियों ने राज्य की संस्कृति को संभाला है। ऐसे समाज के प्रति सरकार की भी जिम्मेदारी है कि उन्हें आगे लाया जाए। इस कार्य में युवा शक्ति बड़ भूमिका निभा सकता है, जो हमारे पास कीमती संसाधन के रूप में मौजूद है। 
श्री दास ने कहा, ‘‘हमारे पास उद्देश्य है, सामर्थ्य है, संभावना है और संयोग भी। इन सब का उपयोग कर हम कैसे सर्वांगीण विकास की ओर अग्रसर हो सकते हैं। 
यह हम सभी को मिलकर सोचने की जरूरत है।‘‘ इस अवसर पर पदमश्री सह दलित इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष मिलिंद काम्बले, सचिव उद्योग के रवि कुमार, ट्राइबल इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष खेलाराम मुर्मू, सीआईआई के उपाध्यक्ष संजय सभरवाल, डिक्की ईस्टर्न जोन के अध्यक्ष राजेन्द, कुमार, सीआईआई झारखंड कौशल विकास की सह-संयोजक प्रीति सहगल, सीआईआई झारखंड स्टेट काउंसिल के अध्यक्ष नीरज कांत, सीआईआई झारखंड के प्रमुख इंद्रनील घोष, अनुसूचित जाति, दलित समाज के उद्यमी एवं अन्य उपस्थित थे।

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