पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) लागू करने के सवाल पर सीधा जवाब देने से बचते हुए सरकार ने बुधवार को कहा कि फिलहाल एनआरसी को केवल असम राज्य में ही लागू किया जा रहा है। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा को एनआरसी के बारे में पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया ‘‘नागरिकता अधिनियम, 1955 और नागरिकता नियमावली 2003 के नियम 4ए (4) के अंतर्गत तैयार अनुसूची में निहित प्रावधानों के अनुसार, नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (एनआरसी) को आज की स्थिति में केवल असम राज्य में लागू किया जा रहा है।’’
पश्चिम बंगाल से निर्दलीय सदस्य रीताव्रता बनर्जी ने प्रश्न पूछा था कि क्या एनआरसी को पश्चिम बंगाल में लागू किया जा रहा है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो रही एनआरसी की प्रक्रिया का उद्देश्य अवैध प्रवासियों की पहचान करना है। एनआरसी की प्रक्रिया केवल असम में हुई है जहां बांग्लादेश से बड़ी संख्या में आए अवैध प्रवासी रह रहे हैं।
एनआरसी का मसौदा पिछले साल 30 जुलाई को प्रकाशित हुआ था जिसमें 40.7 लाख लोगों के नाम नहीं थे। इससे खासा विवाद उठ गया। मसौदे में शामिल करने के लिए 3.29 करोड़ आवेदन प्राप्त हुए जिनमें से 2.9 करोड़ लोगों के नाम इसमें शामिल किए गए। असम के लिए अंतिम एनआरसी सूची 31 जुलाई 2019 को प्रकाशित होगी।