रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि झारखंड में जनता का राजपाट है, इसलिए सरकार यहां जनता की भाषा को बढ़ावा दे रही है। सरकार ने संथालए कुडुख समेत अन्य स्थानीय भाषाओं को बढ़ावा दिया है। राज्य में मैथिली, अंगिका, भोजपुर के समाज के कई लोग रहते हैं। इनकी वर्षों पुरानी मांग को देखते हुए सरकार ने इन भाषाओं को द्वितीय राजभाषा का दर्जा दिया है।
उक्त बातें मुख्यमंत्री ने झारखंड मिथिला मंच द्वारा आयोजित मिथिला महोत्सव 2018 के अवसर पर कहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाषा जोडऩे का काम करती है। हमारी देश की संस्कृतिए भाषा और प्रकृति पुरानी है। इसकी जड़े काफी मजबूत है। यही कारण है कि 600 सालों की गुलामी के बाद भी हमारी भाषाए संस्कृति और परंपरा को कोई मिटा नहीं सका है। अब हमारी जिम्मेदारी है कि आने वाली पीढ़ी को हम इसे सौंपे।
झारखंड मिथिला मंच का आयोजन इस कड़ी में महत्वपूर्ण सहयोग करेगा। मुख्यमंत्री श्री दास ने कहा कि अपनी भाषा के संवर्धन के साथ ही सबसे पहले हमें अपने देश के प्रति निष्ठा रखनी है। आपस में लड़ते रहे तो हमारा देश फिर से गुलाम बन जाएगा। हमें अपने इतिहास से सीखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मिथिला समाज की पेंटिंग विश्व प्रसिद्ध है। समाज इसे बढ़ाने के लिए बच्चों के बीच प्रतियोगिता कराए।
उन्होंने कहा कि झारखंड में कोई भी प्रवासी नहीं है। 1 अप्रैल 1985 के पूर्व बसे सभी व्यक्ति झारखंड वासी है। हमारी सरकार ने स्थानीय नीति को परिभाषित कर दिया है। कार्यक्रम में नगर विकास मंत्री सीपी सिंह, बिहार सरकार के मंत्री विनोद नारायण झा, हटिया विधायक नवीन जायसवाल, झारखंड मिथिला मंच के अध्यक्ष श्रीपाल झा समेत बड़ी संख्या में गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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