Uttarakhand: उत्तराखंड में पहाड़ों से हो रहे पलायन को रोकने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को भराड़ीसैंण में पलायन निवारण आयोग की अहम बैठक हुई। इसमें पलायन के प्रमुख कारणों पर चर्चा के साथ ही इसके निवारण हेतु बुनियादी जरूरतों को पूरा करने पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री धामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट में बताया कि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों से हो रहे पलायन को रोकने के संबंध में भराड़ीसैंण (गैरसैंण) में पलायन निवारण आयोग की बैठक में विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा हुई और अधिकारियों को स्वरोजगार पर विशेष ध्यान देते हुए योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए निर्देश दिए गए।
राज्य में विकास को लेकर उठाए गए अहम कदम
बैठक के दौरान पलायन रोकथाम के लिए अल्प, लघु और दीर्घकालिक नीतियों पर मंथन और सीमांत/ग्रामीण क्षेत्रों में सुविधाओं की उपलब्धता बढ़ाने को लेकर आयोग के सदस्यों के साथ विचार-विमर्श किया गया। पलायन निवारण के लिए प्रवासी भाई-बहनों से भी अच्छे सुझाव मिले हैं, जिन्हें जल्द धरातल पर उतारा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा, हम राज्य में रोजगार और आधारभूत ढांचे के विकास के लिए गंभीरता से कार्य कर रहे हैं, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत किया जा रहा है। बैठक में पलायन निवारण आयोग के सुझावों को विभिन्न विभागीय स्तरों पर यथाशीघ्र क्रियान्वित किया जाएगा।
श्रेष्ठ राज्यों की श्रेणी का लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2025 तक उत्तराखण्ड को श्रेष्ठ राज्यों की श्रेणी में लाने के लक्ष्य पर सरकार काम कर रही है। पलायन निवारण आयोग द्वारा दिए गए सुझावों को अमल में लाने के लिए संबंधित विभागों के माध्यम से ठोस कार्य योजना बनाई जा रही है। जन-कल्याणकारी योजनाओं से ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभान्वित करने हेतु प्रक्रिया का सरलीकरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में पलायन को रोकने के लिए कई योजनाओं को लागू किया है। इसके तहत गांवों में बुनियादी सुविधाओं का विकास किया जा रहा है और रोजगार के नए अवसर पैदा किए जा रहे हैं। देश-विदेश के प्रवासियों को भी इस मुहिम से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel 'PUNJAB KESARI' को अभी Subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।