देहरादून : अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मंगलवार को आरोप लगाया कि राज्य की भाजपा सरकार ने गैरसैंण में सारे विकास कार्य रोक दिये हैं। यहां एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार ने गैरसैंण के लिये आठ सड़कों की स्वीकृति दी थी लेकिन अब उन पर सारा काम रोक दिया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने गैरसैंण के विकास के लिये गैरसैंण विकास निगम बनाया था जिसे वर्तमान सरकार ने बंद कर दिया है।’’ रावत ने कहा कि गैरसैंण में सचिवालय स्थापित करने के लिये उनकी सरकार ने सभी प्रकार की मंजूरी देकर 57 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की थी लेकिन उसका काम भी बंद कर दिया गया है।
इसके अलावा, उन्होंने आरोप लगाया कि उनके कार्यकाल में शुरू किए गए 500 आवासीय भवनों के निर्माण का कार्य भी ठप्प हो गया है। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा के भीतरी विवादों का शिकार गैरसैंण बन गया है जो घोर निंदनीय है ।’’ कांग्रेस नेता ने यह भी आरोप लगाया कि उत्तराखंड जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम में संशोधन करके भाजपा सरकार ने ‘महापाप’ किया है।
उन्होंने कहा कि इस अधिनियम की दो धाराओं- 143 और 154 में परिवर्तन किये जाने से अब उत्तराखंड में कोई भी व्यक्ति कहीं भी और कितनी भी जमीन खरीद सकता है और यह हमारी हिमालयी राज्य की परिकल्पना के विपरीत है।
जमीन की अंधाधुंघ बिक्री को उत्तराखंड की जैवकीय संस्कृति और पर्यावरण के विरूद्ध बताते हुए उन्होंने कहा, ‘ मैं सभी राजनीतिक दलों तथा विधायकों से अपील करता हूं कि वह इस ‘अधिनियम को : पुन: संशोधित करें ताकि प्रदेश में जमीन की हो रही अंधाधुंध खरीद पर रोक लगायी जा सके।’