दुनिया में किसी नई तकनीक के आने के बाद उसकी काट भी आ जाती है, मतलब उसका जुगाड़, तो कुछ ऐसा ही हाल है देश के एटीएम का। जल्दी से पैसे तो निकाल सकते है, लेकिन उसकी सुरक्षा में कही न कही चूक हो ही जाती है और चोर इसका शानदार ढंगा से फायदा उठाते है।
एटीएम मशीन हमेशा से ही चोरों के निशाने पर रही है, ऐसे में तमिलनाडु की अपराध शाखा की विशेष पुलिस टीम राज्य में एसबीआई के एटीएम को निशाना बनाकर हुई चोरी की जांच कर रही है और इस मामले में डीजीपी को सौंपने के लिए एक अंतिम रिपोर्ट तैयार कर रही है। तमिलनाडु के गृह विभाग के सूत्रों ने बताया कि राज्य पुलिस जल्द ही उस मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपेगी, जिसमें एटीएम चोरों द्वारा लगभग 5 करोड़ रुपये निकाला गया था।
सीबीआई देश में विशेष रूप से राष्ट्रीयकृत बैंकों में बैंकिंग धोखाधड़ी की जांच के लिए नोडल एजेंसी है और इसलिए पुलिस इस मामले को प्रमुख जांच एजेंसी को सौंप देगी। तमिलनाडु पुलिस इस मामले में 4 प्रमुख संदिग्धों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है, लेकिन 6 अन्य अभी भी फरार हैं। सीबीआई की जांच अन्य आरोपियों को भी पकड़ने और इस तरह अन्य राज्यों में एटीएम चोरी को रोकने में काफी प्रभावी होगी।
मामले की जांच करने वाली तमिलनाडु अपराध शाखा की विशेष टीम के अनुसार, चोरों ने 17 जून से शुरू होने वाले सात दिनों की अवधि में चेन्नई, तिरुवन्नामलाई, वेल्लोर और कांचीपुरम में एसबीआई के 19 एटीएम को निशाना बनाया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में आमिर अर्श अलीमुद्दी (37), वीरेंद्र रावत (23), नजीम हुसैन (32) और सौकथ अली (37) शामिल हैं। चारों हरियाणा के फरीदाबाद जिले के बल्लभगढ़ के रहने वाले हैं।
पुलिस की जांच में सामने आया है कि लुटेरों ने पहले मशीनों से पैसे लिए और फिर हाथों का इस्तेमाल कर ढक्कन को कुछ देर के लिए बंद होने से रोका। इसकी जांच कर रही राज्य पुलिस की टीम ने कहा कि डीजीपी को रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद ही मामला सीबीआई को सौंपा जाएगा।
राज्य पुलिस मुख्यालय के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और जांच दल में शामिल एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि, सीबीआई जांच की आवश्यकता है क्योंकि हमें यह पता लगाना है कि क्या इन जालसाजों ने अन्य राज्यों के एटीएम से पैसे ठगे हैं। सीबीआई एक राष्ट्रीय एजेंसी है और बैंकिंग धोखाधड़ी की भी जांच करती है, खासकर राष्ट्रीयकृत बैंकों की और इसलिए उनके लिए इस मामले को संभालना बेहतर होगा।
सीबीआई देश में विशेष रूप से राष्ट्रीयकृत बैंकों में बैंकिंग धोखाधड़ी की जांच के लिए नोडल एजेंसी है और इसलिए पुलिस इस मामले को प्रमुख जांच एजेंसी को सौंप देगी। तमिलनाडु पुलिस इस मामले में 4 प्रमुख संदिग्धों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है, लेकिन 6 अन्य अभी भी फरार हैं। सीबीआई की जांच अन्य आरोपियों को भी पकड़ने और इस तरह अन्य राज्यों में एटीएम चोरी को रोकने में काफी प्रभावी होगी।
मामले की जांच करने वाली तमिलनाडु अपराध शाखा की विशेष टीम के अनुसार, चोरों ने 17 जून से शुरू होने वाले सात दिनों की अवधि में चेन्नई, तिरुवन्नामलाई, वेल्लोर और कांचीपुरम में एसबीआई के 19 एटीएम को निशाना बनाया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में आमिर अर्श अलीमुद्दी (37), वीरेंद्र रावत (23), नजीम हुसैन (32) और सौकथ अली (37) शामिल हैं। चारों हरियाणा के फरीदाबाद जिले के बल्लभगढ़ के रहने वाले हैं।
पुलिस की जांच में सामने आया है कि लुटेरों ने पहले मशीनों से पैसे लिए और फिर हाथों का इस्तेमाल कर ढक्कन को कुछ देर के लिए बंद होने से रोका। इसकी जांच कर रही राज्य पुलिस की टीम ने कहा कि डीजीपी को रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद ही मामला सीबीआई को सौंपा जाएगा।
राज्य पुलिस मुख्यालय के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और जांच दल में शामिल एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि, सीबीआई जांच की आवश्यकता है क्योंकि हमें यह पता लगाना है कि क्या इन जालसाजों ने अन्य राज्यों के एटीएम से पैसे ठगे हैं। सीबीआई एक राष्ट्रीय एजेंसी है और बैंकिंग धोखाधड़ी की भी जांच करती है, खासकर राष्ट्रीयकृत बैंकों की और इसलिए उनके लिए इस मामले को संभालना बेहतर होगा।