मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज कहा कि किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना उनका लक्ष्य है और सरकार इसके लिए हरसंभव प्रयास करेगी। श्री कमलनाथ ने रतलाम जिले के नामली में राज्य सरकार की किसानों के ऋण माफी से संबंधित महत्वाकांक्षी जय किसान फसल ऋण माफी योजना के तहत किसानों के खाते में राशि अंतरण कार्य की शुरूआत की। इस अवसर पर श्री कमलनाथ ने बताया कि रतलाम जिले में ही 40 हजार से ज्यादा किसानों को 134 करोड़ रुपये के फसल ऋण माफी संबंधी दस्तावेज सौंपे जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इस योजना के तहत प्रदेश के 50 लाख किसानों का कर्ज माफ करेगी। उन्होंने कहा कि हमारा वचन था कि किसानों का कर्जा माफ करेंगे। हमने तय समय-सीमा में यह वचन निभाया है।
मुख्यमंत्री ने दावा करते हुए कहा कि कम समय में इतनी बड़ संख्या में किसानों की कर्ज माफी का यह एक अभूतपूर्व काम नई सरकार ने किया है। उन्होंने कहा कि आज हमारे सामने कृषि क्षेत्र का सुनियोजित विकास करना सबसे बड़ चुनौती है। सरकार का यह मानना है कि जब तक हम किसानों को खुशहाल नहीं बनायेंगे, तब तक प्रदेश का सर्वांगीण विकास नहीं हो पायेगा। उन्होंने कहा कि किसानों को मजबूत बनाने के साथ ही अपने प्रदेश में बड़ संख्या में बेरोजगार नौजवानों को काम देना भी सरकार का लक्ष्य है।
प्रदेश में बड़ संख्या में औद्योगिक निवेश को लाकर बेरोजगारी को भी खत्म करेंगे। उन्होंने कहा कि नई सरकार घोषणाओं की सरकार नहीं है। यह काम करने वाली सरकार है। हमने यह तय किया है कि कोई भी काम कई सालों पर नहीं टलेगा। हम प्रति दिन और हफ्तों में विकास की बुनियाद रखेंगे, जिससे लोगों को बदलाव महसूस हो और प्रदेश का तेजी से विकास संभव हो। श्री कमलनाथ ने जय किसान फसल ऋण माफी योजना के तहत राशि अंतरण कार्य की शुरूआत करते हुए ग्राम नामली के किसान बाबूलाल भैरूलाल राठौर को एक लाख 95 हजार 447 रुपये के फसल ऋण की माफी का प्रमाणपत्र सौंपा। श्री राठौर प्रदेश में योजना के पहले लाभान्वित हितग्राही बने हैं। समारोह में 40 हजार से ज्यादा किसानों के 134 करोड़ रुपये से अधिक के फसल ऋण माफ किये गये।
मुख्यमंत्री ने सांकेतिक तौर पर कुछ किसानों को फसल ऋण माफी के प्रमाण-पत्र वितरित किये। मुख्यमंत्री ने रतलाम प्रवास के दौरान विभिन्न विभागों के लगभग 197 करोड़ रूपयों की लागत के 30 निर्माण कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि विकास से कोई समझौता नहीं किया जायेगा। मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों में कृषि मंत्री सचिन यादव और वरिष्ठ आदिवासी नेता एवं सांसद कांतिलाल भूरिया भी मौजूद थे।
वहीं भाजपा के रतलाम जिले के जनप्रतिनिधियों और नेताओं ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया। बहिष्कार की घोषणा के चलते जिले के तीन भाजपा विधायक चैतन्य काश्यप, राजेन्द, पांडेय और दिलीप मकवाना और भाजपा से संबंधित अन्य जनप्रतिनिधि कार्यक्रम से अनुपस्थित रहे। भाजपा जिला अध्यक्ष राजेंद, सिंह लुनेरा ने आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों की समस्याओं को लेकर पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिलना चाहता था, लेकिन इस मामले में उन्हें समाधानकारक उत्तर नहीं दिया गया।
उन्होंने कहा कि भाजपा के जनप्रतिनिधियों को महत्व नहीं दिया जा रहा है। सरकारी कार्यक्रम को कांग्रेस ने पार्टी का कार्यक्रम बना दिया। इस वजह से भाजपा ने बहिष्कार किया। कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के पहले अपने वचनपत्र में किसानों के दो लाख रूपयों तक के ऋण माफ करने की घोषणा की थी। श्री कमलनाथ ने सत्रह दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद सबसे पहले इसी से संबंधित फाइल पर दस्तखत किए। सरकार का दावा है कि राज्य के लगभग 50 लाख किसानों का ऋण माफ किया जाएगा और इस वजह से लगभग 50 हजार करोड़ रूपए का भार राज्य कोषालय पर आएगा।