पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को मंगलवार को छात्रों के विरोध के कारण आयोजित प्रतिष्ठित दीक्षांत समारोह में भाग लिए बगैर लौटना पड़ा जिसके बाद उन्होंने ममता बनर्जी सरकार पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि राज्य में शैक्षणिक व्यवस्था का डीएनए पूरी तरह विषाक्त हो चुका है।
छात्रों को शांत करने के करीब डेढ़ घंटे के विफल प्रयास के बाद राज्यपाल ने विश्वविद्यालय में विरोध प्रदर्शन पर दुख व्यक्त करते हुए इसे ‘सुनियोजित’ करार दिया। उन्होंने कहा, ‘‘शैक्षणिक व्यवस्था का डीएनए पूरी तरह बर्बाद हो चुका है। मैंने कभी इस तरह से कानून का उल्लंघन होते नहीं देखा। राज्य सरकार की वजह से यह स्थिति बनी है।
लोकतंत्र की कोई झलक नहीं दिख रही है।’’ राज्यपाल ने ट्वीट कर कहा,‘‘दीक्षांत समारोह को लेकर कुलपति को नियम के तहत काम करने एवं मेरे निर्देशों के पालन करने के निर्देश के बावजूद इस समारोह को शुरू करने को लेकर मैं हैरान हूं। धनखड़ ने छात्रों के विरोध प्रदर्शन पर विवि के कुलपति एवं अन्य पदाधिकारियों की भूमिका की भी तीखी आलोचना की।
उन्होंने कहा,‘‘कुलपति और विवि के अन्य पदाधिकारी बाधा खड़ी करने वालों से किसी प्रकार की बातचीत करने के प्रयास करने के बजाय मीडिया को बाइट देने में व्यस्त थे।’’ गौरतलब है कि प्रदर्शनकारी छात्रों ने राज्यपाल को दीक्षांत समारोह में शामिल होने के लिए विश्वविद्याल में प्रवेश करने से रोक दिया। इसके बाद दीक्षांत समारोह के शुरु होने में भी देरी हुई।
जादवपुर विवि में मंगलवार की घटना सोमवार की घटना की पुनरावृत्ति जैसी थी। धनखड़ को सोमवार को जादवपुर विश्वविद्यालय में छात्रों के गुस्से और ‘वापस जाओ’ के नारों का सामना करना पड़ा।