गुजरात बीजेपी अध्यक्ष सीआर पाटिल ने रेमडेसिविर की जमाखोरी को लेकर कांग्रेस विधायक परेश धनानी द्वारा दायर याचिका ख़ारिज करने की मांग की है। उन्होंने इस संबंध में दायर हलफनामा में कहा है कि धनानी द्वारा बीजेपी के सूरत कार्यालय से रेमडेसिविर के अवैध वितरण को लेकर दायर याचिका को गुजरात हाई कोर्ट की ओर से खारिज कर दिया जाए।
पाटिल ने हलफनामे में कहा कि याचिका केवल पार्टी को बदनाम करने के लिए तथ्यों की पुष्टि किए बिना दायर की गई थी। धनानी की जनहित याचिका के जवाब में 21 जून को दायर हलफनामे में, पाटिल ने प्रस्तुत किया है कि 'वर्तमान याचिका बीजेपी के खिलाफ राजनीतिक द्वेष और शिकायत को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से दायर की गई है', क्योंकि याचिकाकर्ता और उनकी राजनीतिक पार्टी गुजरात में उनकी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी है।
पाटिल ने अपने हलफनामे में कहा, "प्रासंगिक समय में जब रेमडेसिविर इंजेक्शन, ऑक्सीजन आदि की भारी मांग थी , पार्टी के एक वरिष्ठ नेता होने के नाते, मैंने वरिष्ठ पार्टी कार्यकर्ता और विधिवत निर्वाचित जन प्रतिनिधि (विधान सभा के सदस्य के रूप में) रेमडेसिविर इंजेक्शन और अन्य आवश्यक आपूर्ति को जरुरी लोगों को देने के लिए जुटाए।" पाटिल ने कहा है कि धनानी की जनहित याचिका में आरोपित रेमडेसिविर इंजेक्शन उनके द्वारा किसी भी स्थान पर जमा नहीं किए गए थे।
पाटिल के हलफनामे में कहा गया है, "किसी भी समय.. रेमडेसिविर इंजेक्शन भारतीय जनता पार्टी के पार्टी कार्यालय सहित कहीं भी जमाखोरी के लिए नहीं रखे गए थे।" हलफनामे में कहा गया है कि इंजेक्शन की उपलब्धता और सुविधा सक्षम अधिकारियों द्वारा जारी वैधानिक प्रावधानों और दिशानिर्देशों के अनुसार सख्ती से की गई थी।
बीजेपी नेता ने कहा कि याचिकाकर्ता को अदालत जाने से पहले एफडीसीए आयुक्त के जवाब का इंतजार करना चाहिए था और मुख्यमंत्री, राज्यपाल और अन्य सक्षम अधिकारियों के समक्ष अपनी शिकायतें उठानी चाहिए थी। पाटिल ने गुजरात हाई कोर्ट से तथ्यों की पुष्टि किए बिना जनहित याचिका दायर करने के लिए धनानी पर जुमार्ना लगाने को भी कहा है।