गुजरात कांग्रेस ने राज्य की बीजेपी सरकार पर चक्रवाती तूफान ‘ताउते’ के पीड़ितों को राहत पैकेज देने में विसंगतियों और पक्षपात का आरोप लगाया है। पार्टी ने ताउते से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए नए सर्वेक्षण की मांग की। इसको लेकर प्रदेश कांग्रेस ने गांधीनगर में राज्य सचिवालय में विरोध प्रदर्शन किया।
कांग्रेस के एक विधायक ने आरोप लगाया कि ”आलीशान बंगलों” में रह रहे बीजेपी नेताओं और उनके कुछ समर्थकों ने यह दिखाकर 95 हजार रुपये के मुआवजे का दावा किया कि उनके घर चक्रवात में गिर गए। राज्य के शिक्षा मंत्री भूपेंद्र सिंह चुड़ासमा ने इन आरोपों का खंडन करते हुए दोबारा सर्वे कराने की मांग को खारिज कर दिया और कहा कि लोग सरकार के पैकेज से “संतुष्ट” हैं।
इस बीच, पुलिस ने गुजरात विधानसभा में विपक्ष के नेता परेश धनानी, कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष अमित चावड़ा और कांग्रेस के 20 विधायकों को गांधीनगर में राज्य सचिवालय के परिसर में बिना अनुमति के विरोध प्रदर्शन करने के आरोप में हिरासत में लिया। पुलिस उपाधीक्षक एम के राणा ने कहा, ”उन्हें जल्द छोड़ दिया जाएगा।”
पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने से पहले, धनानी ने मीडियाकर्मियों से कहा कि 17 मई को गुजरात के गिर-सोमनाथ जिले के ऊना शहर के निकट तट से टकराए चक्रवात के कारण ग्रामीणों के हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार का 1,000 करोड़ रुपये का पैकेज पर्याप्त नहीं है। चक्रवात से तटीय क्षेत्रों में व्यापक नुकसान हुआ था।
केंद्र ने चक्रवात के बाद 1,000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की थी, जबकि गुजरात सरकार ने किसानों के लिए 500 करोड़ रुपये और मछुआरों के लिए 105 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज की घोषणा की थी। धनानी ने दावा किया, ”(चक्रवात में) हुए 15,000 करोड़ रुपये के नुकसान के मुकाबले सरकार ने पीड़ितों के लिए सिर्फ 1,000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की थी। दुर्भाग्य से, कई पीड़ित 100 दिनों के बाद भी मुआवजे की प्रतीक्षा कर रहे हैं दूसरी ओर, कई गैर-प्रभावित लोगों ने गलत तरीके से दावा कर राहत राशि हासिल की।”
उन्होंने यह भी दावा किया कि मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने बुधवार को उनसे मुलाकात नहीं की, जिसके बाद कांग्रेस विधायकों ने सचिवालय परिसर में महामा गांधी की प्रतिमा के पास इकट्ठा होने का फैसला किया। उन्होंने कहा, ”हम चाहते हैं कि सरकार चक्रवात से हुए नुकसान के बारे में एक नया सर्वेक्षण करे और उसके अनुसार मुआवजे की घोषणा की जाए। बिना छत के रह रहे प्रभावित लोगों को मुआवजा मिलना चाहिए।”
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व ऊना के विधायक पुंज वंश ने सरकार द्वारा की गई मुआवजे की गणना और इसे प्रदान करने में ”भारी विसंगतियों व अनियमितताओं” का आरोप लगाया। वंश ने कहा, ”एक ओर जरूरतमंद लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया। दूसरी ओर जिन लोगों ने कुछ भी नहीं खोया था उन्हें राहत राशि मिल गई। आलीशान बंगलों में रहने वाले बीजेपी नेताओं और उनके समर्थकों ने यह दिखाकर 95,000 रुपये के मुआवजे का दावा किया कि उनके घर चक्रवात में गिर गए थे। सरकार को चाहिए कि एक नया सर्वेक्षण करे ताकि वास्तविक लोगों को मुआवजा मिल सके।”
चुड़ासमा ने हालांकि नए सिरे से आकलन की मांग को खारिज कर दिया। उन्होंने पत्रकारों से कहा, ” नया सर्वेक्षण नहीं किया जाएगा। लोग हमारे पैकेज और नुकसान के सर्वेक्षण से संतुष्ट हैं। किसानों के लिए हमारा पैकेज अन्य राज्यों की तुलना में बहुत अधिक था।”