गुजरात की राजनीति पर देश की निगाहें टिकी हुई है। इसका मुख्य कारण राज्य में होने वाले विधानसभा के चुनाव है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) लंबे वक्त से गुजरात में सत्ता में है. मुख्य तौर से इस राज्य में भाजपा-कांग्रेस के बीच मुकाबला होता रहा है. लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी (AAP) तीसरे दल के रूप में उभरने का प्रयास कर रही है. अब यह मुकाबला त्रिकोणीय होता नजर आ रहा है. कई सर्वे में सत्तारूढ़ भाजपा को एकबार फिर पूर्ण बहुमत मिलता दिखाया जा रहा है. वहीं कांग्रेस और आप के बीच मुख्य विपक्षी दल बनने के लिए लड़ाई है.
कांग्रेस के पास राज्य में कोई बड़ा चेहरा न होने का नुकसान उसे झेलना पड़ रहा है. जबकि आप अपने नेताओं के हिन्दू विरोधी बयानों का नुकसान उसे भुगतना पड़ रहा है.माना जा रहा है कि भाजपा इस चुनाव में पिछली बार से अधिक सीटों के साथ सरकार बनाएगी. क्योंकि पिछले चुनाव में पाटीदार आंदोलन समेत कई मुद्दों के कारण उसकी सीट कम हुई थी. हालांकि इस बार पाटीदार आंदोलन को खड़ा करने वाले हार्दिक पटेल कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए है.
वहीं आप के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया अपने हिन्दू विरोधी विवादास्पद बयानों को लेकर घिरे हुए है. जिन्हें राज्य में पार्टी का चेहरा माना जाता है. दरअसल इटालिया एक वीडियो में यह कहते नजर आ रहे थे कि माताओं-बहनों को मंदिर या कथाओं में नहीं जाना चाहिए; क्योंकि वहां उनका शोषण होता है. इसके बाद हिन्दू समुदाय की ओर से आप तथा उसके नेता के विरूद्ध रोष देखने को मिला था.