उच्चतम न्यायालय ने गुजरात मुठभेड़ मामलों की जांच की निगरानी कर रही समिति के प्रमुख से बुधवार को जानना चाहा कि क्या उन्होंने अंतिम रिपोर्ट समिति के अन्य सदस्यों से साझा की है या नहीं। शीर्ष अदालत ने 2002 से 2006 तक गुजरात में हुई मुठभेड़ की जांच की निगरानी के लिए अपने सेवानिवृत्त न्यायाधीश एच। एस। बेदी की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ ने दिवंगत पत्रकार बी जी वर्गीज और गीतकार जावेद अख्तर की 11 साल पुरानी याचिका की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति बेदी से पूछा कि क्या उन्होंने अपनी अंतिम रिपोर्ट समिति के अन्य सदस्यों से साझा की है?
न्यायालय ने निगरानी समिति के अध्यक्ष से यह बात उस वक्त पूछी जब गुजरात सरकार ने रिपोर्ट को पब्लिक डोमेन में रखने का विरोध किया। राज्य सरकार की दलील थी कि यह अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि अंतिम रिपोर्ट में व्यक्त तथ्य न्यायमूर्ति बेदी के व्यक्तिगत विचार थे या उन्होंने इसे समिति के अन्य सदस्यों से भी साझा किया था।
गौरतलब है कि याचिकाकर्ताओं ने इन मुठभेड़ की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) या किसी अन्य स्वतंत्र एजेंसी से कराये जाने तथा अदालत द्वारा इसकी निगरानी कराये जाने की मांग की थी, ताकि सच्चाई सामने आ सके। श्री वर्गीज का निधन 30 दिसम्बर 2014 को हो गया। निगरानी समिति ने इस वर्ष फरवरी में अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंप दी थी।