अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस’ के अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने सोमवार को कहा कि राज्य के आदिवासी क्षेत्रों में पांच नए मेडिकल कॉलेज खोलने की मंजूरी दी गयी है। रूपाणी ने कहा कि उनकी सरकार अगले पांच वर्षों के दौरान आदिवासियों के कल्याण के लिए ‘वनबंधु कल्याण योजना-दो’ के तहत 1,00,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
रूपाणी ने ‘बिरसा मुंडा आदिवासी विश्वविद्यालय’ के मुख्य परिसर के लिए डिजिटल तरीके से शिलान्यास भी किया। यह विश्वविद्यालय गुजरात के आदिवासी बहुल नर्मदा जिले में राजपीपला शहर के पास बनेगा।
उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए रूपाणी ने कहा, ‘‘राज्य सरकार ने राज्य के आदिवासी बहुल क्षेत्रों में पांच नए मेडिकल कॉलेज की स्थापना को मंजूरी दी है। बिरसा मुंडा ने आदिवासियों के उत्थान के लिए संघर्ष किया। यह बहुत गर्व की बात है कि उनके नाम पर एक विश्वविद्यालय यहां बन रहा है।
इस पर 400 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इस विश्वविद्यालय से आदिवासी युवाओं को अपना करियर बनाने में मदद मिलेगी।’’ मुख्यमंत्री के रूप में पांच साल पूरा होने के उपलक्ष्य में नौ दिवसीय कार्यक्रमों के तहत राज्य में ‘विश्व आदिवासी दिवस’ मनाया गया।
आनंदीबेन पटेल के इस्तीफे के बाद सात अगस्त 2016 को रूपाणी गुजरात के मुख्यमंत्री बने और 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद भी मुख्यमंत्री के पद पर बने रहे। बिरसा मुंडा आदिवासी विश्वविद्यालय 2017 में अस्तित्व में आया और उसी वर्ष राजपीपला के एक कॉलेज से इसकी शैक्षणिक गतिविधियों की शुरुआत हुई।
रूपाणी ने कहा, ‘‘हमारे प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब आदिवासियों को मुख्यधारा में लाने के लिए उन्होंने वनबंधु कल्याण योजना (वीकेवाई) की शुरुआत की थी। गुजरात के सभी 52 आदिवासी बहुल तालुका राज्य में पूर्ववर्ती कांग्रेस के शासन में विकास से वंचित थे।’’ उन्होंने कहा कि योजना के तहत अब तक उन आदिवासी क्षेत्रों में विभिन्न विकास कार्यों पर 90,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।