देश के कई हिस्सों में भारी बारिश और बाढ़ ने जन जीवन को अस्त-व्यस्त किया हुआ है तो कहीं सूखे जैसे हालात होने वाले हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बुधवार को यानी आज कहा कि गुजरात में सामान्य की तुलना में 45 प्रतिशत कम बारिश हुई है और इस कारण बांधों का जलस्तर भी घट गया है। राज्य में जहां 200 से अधिक बांधों और जलाशयों में जलस्तर उनकी कुल भंडारण क्षमता के आधे से भी कम है वहीं, राज्य सरकार ने खड़ी फसलों को नुकसान से बचाने के लिए लगभग 5 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई के लिए बांधों से पानी की आपूर्ति करने का निर्णय लिया है।
आईएमडी की रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात में एक जून से 10 अगस्त के बीच सामान्य के मुकाबले 45 फीसदी कम बारिश हुई है। मौसम विभाग ने बताया कि इस अवधि में होने वाली सामान्य बारिश 458.8 मिलीमीटर की तुलना में राज्य में केवल 252.7 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। आईएमडी की रिपोर्ट में कहा गया है कि गुजरात, अरावली और गांधीनगर के 33 जिलों में इस मौसम में अब तक ‘‘सबसे कम” बारिश हुई है जबकि 31 जिलों में “कम’’ बारिश हुई है।
कम वर्षा तब मानी जाती है जब दीर्घावधि औसत (एलपीए) के हिसाब से कमी ‘-20 से -59’ प्रतिशत के बीच होती है, और अत्यंत कम वर्षा तब मानी जाती है जब कमी ‘-60 से -90’ प्रतिशत होती है। राज्य आपात स्थिति संचालन केंद्र द्वारा उपलब्ध कराए गए क्षेत्र-वार आंकड़ों के अनुसार, दक्षिण गुजरात में औसत वार्षिक वर्षा 36.39 प्रतिशत, पूर्व-मध्य क्षेत्रों में 34.72 प्रतिशत, सौराष्ट्र में 33.80 प्रतिशत, कच्छ में 31.74 प्रतिशत और राज्य के उत्तरी भाग में 31.20 प्रतिशत हुई है।
इस बीच, सामान्य से कम बारिश से राज्य के 207 बांधों और जलाशयों में जमा पानी भी कम हो गया है। नर्मदा एवं जल संसाधन, जलापूर्ति एवं कल्पसर विभाग द्वारा बुधवार को उपलब्ध कराई गई भंडारण स्थिति के अनुसार, बांधों में जल स्तर उनकी कुल भंडारण क्षमता का 47.54 प्रतिशत है। इसमें बताया गया कि 207 बांधों में से केवल पांच बांध ही भरे हुए हैं जिनमें से चार सौराष्ट्र क्षेत्र में तथा एक दक्षिण गुजरात में है।